विदेश

अमेरिका में लोग जला रहे हैं नाइकी के जूते, वजह कर देगी हैरान

नाइकी के जूते – आजकल अपना विरोध जताने और पसंद-नापसंद को जाहिर करने का सबसे आसान तरीका बन गया है सोशल मीडिया। आपको जो भी पसंद ना आए या आपको जिसका भी विरोध करना हो, बस उसे सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर दीजिए। मिनटों में आपकी खबर लाखों-करोड़ों तक पहुंच जाएगी।

पहले बस सिलेब्रिटीज़ और मूवीस्‍टार्स ही सोशल मीडिया के ज़रिए अपने फैंस से कनेक्‍ट होते थे लेकिन अब तो हर चीज़ के लिए सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल किया जाने लगा है जैसे कि आपको किसी कंपनी की सर्विस पसंद नहीं आई तो आपने उसका रिव्‍यूसोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर दिया। वहीं अगर किसी कंपनी ने आपके साथ बदसलूकी की तो वो भी आपने इंटरनेट की मदद से लाखों लोगों तक सोशल मीडिया के ज़रिए ये खबर फैला दी।

आजकल ये बस बहुत देखने को मिल रहा है और अब इस लिस्‍ट में एक और नामचीन कंपनी का नम जुड़ गया है जिसके सोशल मीडिया पर फजीते उड़ाए जा रहे हैं।

आइए जानते हैं कि इस नामचीन कंपनी नाइकी के बारे में..

नाइकी कंपनी का नाम

अमेरिका में और सोशल मीडिया पर खेलों से जुड़े सामान बनाले वाली नामचीन कंपनी नाइकी का जबरदस्‍त विरोध हो रहा है। इस कंपनी ने नस्‍लभेद के खिलाफ राष्‍ट्रगान के समय घुटनो के बल बैठ जाने वाले फुटबॉलर कॉलिन केपरनिक को अपना ब्रांड एंबेस्‍टडर चुना है और इसी वजह से लोग अपना विरोध जता रहे हैं।

जला रहे हैं प्रॉडक्‍ट्स

लोगों ने नाइकी के प्रति अपना विरोध जताने के लिए अनोखा तरीका निकाला है। वो सब नाइकी के जूते और अन्‍य उत्‍पादों को जला रहे हैं और सोशल मीडिया पर तस्‍वीरों के ज़रिए विरोध प्रकट कर रहे हैं।

खबरों की मानें तो अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के लोगों पर होने वाले नस्‍लीय भेदभाव को लेकर पुलिस के हमलों पर केपरनिक ने विरोध जताया था।

राष्‍ट्रगान पर नहीं हुए थे खड़े

साल 2016 में एक टूर्नामेंट के दौरान विरोध जताने के लिए केपरनिक राष्‍ट्रगान पर खड़े नहीं हुए थे और घुटनों के बल बैठ गए थे। उस समय कुछ खिलाडियों ने उनका समर्थन किया था तो कुछ ने विरोध जताया था। खुद अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भी इस व्‍यवहार को अनुचित बताया था।

नाइकी के साथ करार

खबरों की मानें तो अ‍मेरिका की नामचीन कंपनी और ब्रांड नाइकी ने कॉलिन केपरनिक के साथ करार किया है और इसकी टैगलाइन है – जिस चीज़ पर आप विश्‍वास करते हैं उस पर यकीन बरकरार रखें, भले ही इसके लिए बहुत कुछ त्‍यागना क्‍यों ना पड़ जाए। हालांकि, नाइकी के इस ऐड कैंपेन की ट्रंप ने आलोचना की है।

अब तो आप समझ गए ना कि सोशल मीडिया का इसतेमाल अब लोग किन-किन कामों के लिए करने लगे हैं। संचार के इस तेज माध्‍यम के ज़रिए आप एक पल में ही अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। इतिहास की बात करें तो अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने और अपने विचार रखने के लिए मीलों तक गांवों और शहरों तक जाना पड़ता था, पर्चे बांटने पड़ते थे और रैलियां की जाती थीं लेकिन अब ये काम कितना आसान हो गया है और इसे आसान बनाया है सोशल मीडिया ने।

Parul Rohtagi

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