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आने वाले अगले दस साल आप की सोच और समझ को झकझोर कर रख देंगे !

दोस्तों, यह तो हम सभी जानते और मानते भी हैं की पिछले कुछ दशकों में हुयी विज्ञान की तरक्की ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है |

विज्ञान की बढ़ोतरी तीव्र गति से हो रही है और हमारे जीवन में विज्ञान बहुत ज़्यादा रचा बसा हुआ है |

इंसानों द्वारा किये गए विज्ञान के अविष्कार बड़ी बड़ी योजनाओं को सफल कर रहे हैं | ये बात भी सिद्ध हो चुकी है की जब हम प्राकृति और विज्ञान को एक साथ मिला देते हैं तो एक अनोखा सामंजस्य प्राप्त करते हैं जो किसी जादू से कम नहीं होता |

कल्पना कीजिये कि हमारा सर्वप्रिय फेसबुक कोई ऐसा विज्ञान के चमत्कार से बना हुआ आविष्कार ले आये जिस से हमें अनोखे मानवीय संबंधों का एक अद्भुत तरीका मिल जाए | जिसे बोलचाल कि भाषा में हम सोशल नेटवर्किंग कहते हैं | बजाये कि कोई टाइप कर के हमें यह बताये कि वो कैसा महसूस करते हैं, हम केवल उन के नाम के ऊपर अपना कर्सर घुमाएं और जान लें कि वो इस वक़्त कैसा महसूस कर रहे हैं |

सुनने में यह पागलपन लगता है ना ?

किन्तु असंभव नहीं है| सिर्फ हम और हम यानि इंसान ही यह निश्चित करते हैं कि क्या संभव है और क्या असंभव !

आईये एक नज़र डालते हैं कुछ ऐसे ही इंसानों द्वारा सोचे जा चुके अविष्कारों पर जो आने वाले १० सालों में एक क्रान्ति ले आने वाले हैं और आप कि सोच और समझ को भी एक चुनौती देंगे:

जैव विज्ञान – बायोनिक हाथ

जो आप के अपने हाथों का ही प्रतिरूप हैं और यदि किसी एक्सीडेंट में आप के हाथों को कोई क्षति पहुँच गयी है तो यह बायोनिक हाथ आपके मस्तिष्क का कहना मानेंगे और बिलकुल आप के अपने हाथों कि तरह ही काम करेंगे | इस के लिए किसी शल्य क्रिया की ज़रुरत भी नहीं हैं | है ना यह दिमाग को हिला देने वाला अविष्कार?

Bionic Hand

भविष्य का आर्किटेक्चर दुबई में एक घूमनेवाली इमारत

दुबई निःसंदेह ही अपनी गगनचुम्बी इमारतों और उत्कृष्ट निर्माणों के लिए विश्वप्रसिद्ध है| अब दुबई में एक और गगनचुम्बी इमारत का निर्माण होने जा रहा है जो ना केवल दुर्लभ कारीगरी का नमूना होगी, बल्कि अपनी धुरी पर लगातार घूमेगी भी ! है ना आश्चर्यजनक? यह सुनने में अवश्य ही ख़तरनाक लग रहा है लेकिन है नहीं | इस इमारत को विंड टर बाइन्स यानि के हवा से प्राप्त होने वाली ऊर्जा से घुमाया जाएगा| क्या आपने कभी यह कल्पना भी की थी ? लेकिन यह सच हो जाएगा आने वाले केवल एक दशक में | क्या आप एक ऐसी इमारत में रहना पसंद करेंगे जहां बाहर का नज़ारा हर क्षण बदल जाता हो ?

यातायात टेलीपोर्टेशन टेक्नोलॉजी

शायद आप नहीं जानते कि टेस्ला कंपनी वैज्ञानिकों ने ऐसी मोटर इंजन का अविष्कार कर लिया है जो पूर्णतः टेलीपोर्टेशन के बल पर चल सकता है और जिस के लिए किसी भी पेट्रोल या डीज़ल की आवशयकता नहीं होगी | ऐसे इंजन को दो कारणों से वाहन बाजार में नहीं उतार जा रहा है | एक तो यह कि इस के बनाने में अभी बहुत ज़्यादा लागत खर्च हो रही है और दूसरा ऐसे इंजन के बाजार में आ जाने से पेट्रोल ईंधन विक्रेता कंपनियों और कच्चा तेल बेचने वाले देशों को अच्छा ख़ासा नुक्सान होगा| लेकिन आने वाले कुछ एक सालों में इस का समाधान भी ढूंढ लिया जाएगा और निश्चित ही हम टेलीपोर्टेशन के बल पर अपनी गाड़ियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाएंगे बिना किसी पेट्रोल या डीज़ल के | अब सोचिये कैसे ?

संचार प्रणालीटेलीपैथी

पिछले कुछ ही वर्षों में टेलेफोनेस, कम्प्यूटर्स, ऑय पैड्स, चैटिंग साइट्स, चैटिंग ऐप्स और न जाने किन किन उपकरणों कि वजह से मौलिक बातचीत से हमारा ध्यान हटता जा रहा है| एक दुसरे से जुड़ने के कितने ही तरीक़े हैं हमारे पास, सिवाए मुँह से बोलने के| आने वाले एक दशक में यह उपकरण भी एक चुनौती का सामना करेंगे और टेलीपैथी एक नयी दिशा कि ओर जायेगी | तब हमें बातचीत के लिए इन उपकरणों कि भी ज़रुरत नहीं रहेगी | विज्ञान और चेतना को जोड़ कर जो अविष्कार होंगे उन से हम एक दुसरे से जुड़ने कि प्रक्रिया में नए आयाम तय करेंगे|

कंप्यूटर क्षमताअद्भुत सत्य

क्या आप को याद है की केवल १० साल पहले हम किस प्रकार के कंप्यूटर उपयोग करते थे ? क्या तब आप के पास टच वाला सेल फ़ोन था ? क्या आप ने कभी सोचा था की ऐसा कभी होगा की सारे उपकरण सिर्फ आप की उँगलियों की छुअन भर से काम करेंगे और जो देखने में एक पतली छोटी सी किताब जैसे प्रतीत होंगे ? आज के सेल फ़ोन्स ने फैक्स मशीन, पेजर, कैमरा सभी को अप्रचलित कर दिया है| क्या कोई ऐसी टेक्नोलॉजी है जो आप सोच नहीं पा रहे हैं या सोच तो पा रहे हैं लेकिन अभी तक जिस का अविष्कार हो नहीं पाया है ?

हमें बताईये ज़रूर |

अब सवाल यह है कि क्या यह सब संभव है? और यदि है तो कैसे ?

असल में सब कुछ संभव है| हर सोच, हर विचार, हर प्रणाली मौजूद है| सिर्फ उस पर काम करने भर बात है| इन सभी अद्भुत एवं आश्चर्यजनक अविष्कारों का जन्म होता है एक कलाकार की रचनात्मक्ता और एक इंजीनियर के कौशल के मिल जाने से|

तर्क वितर्क, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, और समझ के अंतर में ही अनगिनत रचनाओं का गढ़ है |

Youngisthan

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