Categories: विशेष

जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला

जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला

10 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश राज ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 2 नेता को हिरासत में ले लिया और इसके विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में प्रचंड जन समूह विरोध करने जमा हुआ. यह समूह निहत्था और अहिंसावादी था. लगभग 20,000 से अधिक लोग इस आन्दोलन में शामिल हुए.

इसी समूह में उधम सिंह नामक एक व्यक्ति थे जो अपने अनाथ आश्रम के साथियों के साथ सभी आन्दोलनकारियों को जल सेवा प्रदान कर रहे थे. तभी पंजाब प्रान्त के राज्यपाल माइकल ओ’द्व्येर के इशारों पर एक कातिल ब्रिटिश ऑफिसर, जनरल डायर ने एक नरसंहार किया.

13 मार्च 1940 को, जलियांवाला बाग हत्याकांड के ठीक 21 साल बाद पंजाब के पूर्व राज्यपाल माइकल ओ’द्व्येर एक समारोह में शामिल हुए. कातिल माइकल ओ’द्व्येर जब मंच से कुछ ही कदम दूर था तब सिंह जी ने एक पुस्तक के बीच में छुपायी हुई अपनी बंदूक से उसपर 2 गोलियां चला दी. उधम सिंह जी की दो गोलियों में उन सभी शहीदों के रक्त का बदला लिया जो जलियांवाला बाग में मारे गए थे. और इसी उपलब्धि के कारण इन्हें शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह जी का ख़िताब प्राप्त है.

आज से 96 वर्ष पूर्व जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के और बिना किसी ठोस वजह के सैकड़ो की भीड़ जिसमे औरते, बुजुर्ग और बच्चे थे उनपर अचानक गोलियां बरसा दी. इस हत्याकांड में करीब 500 लोगों की मृत्यु हो गयी थी और 1200 लोग गायल हो गए थे. इस बाग में केवल एक ही बाहर जाने का रास्ता था जिसे अंग्रेजों ने घेर लिया था. कुछ लोगों ने बचने के लिए ज़मीन से छलांग लगाने की कोशिश की और कुछ औरतों ने अपनी इज्ज़त बचाने के लिए कुए में छलांग लगा ली परन्तु सब विफल रहे.

इस बात का गहरा सदमा उधम सिंह पर था. वे भगत सिंह जी से काफी प्रेरित हुए थे. 1924 में उधम सिंह ग़दर दल के साथ जुड़ गए. सन 1927 में इन्होने भगत सिंह जी को हत्यार पहुचाए और इसके लिए इन्हें गिरफ्त में लिया गया. 1931 में वे जेल से रिहा हो गए जिसके बाद पंजाब पुलिस की निगरानी इन पर और बढ़ गयी. वे किसी तरह कश्मीर के मार्ग से जर्मनी जाने में सफल रहे.

फिर वे वहां से लंदन गए और उन्होंने एक प्लान रचा पंजाब के पूर्व राज्यपाल की हत्या करने का. इन्हीं के इशारे पर जनरल डायर ने खूनी खेल खेला था.

वैसे तो हम हिंसा के विरोधी है परन्तु अधर्मी को अधर्म से मारना अधर्म नहीं होता.

आज जलियांवाला बाग हत्याकांड के 96 वर्ष के बाद हम सभी शहीदों को नमन करते है और साथ में माँ भारती के महान सपूत सरदार उधम सिंह को सलाम करते है.

Akash Shah

Share
Published by
Akash Shah

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago