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जेल में हुआ कुख्यात डॉन का एनकाउंटर, कभी इसके नाम से कांपता था उत्तर प्रदेश

डॉन मुन्ना बजरंगी

जेल में ही यूपी के डॉन मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुन्ना को 10 गोलियां मारी गई. जेल में हुई इस सनसनीखेज वारदात से हडकंप मच गया है, जाहिर सी बात है इससे पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था भी कटघरे में खड़ी हो गई है.

कहा जा रहा है कि जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी के शूटर्स ने मुन्ना बजरंगी को गोली मारी है. इस हत्याकांड के बाद मजिस्ट्रेट जांच के आदेश तो दे दिए गए हैं, मगर यूपी पुलिस की जबर्दस्त फजीहत हुई है. आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप में जेल में बंद थे. रविवार को ही उसे झासी से बागपत जेल लाया गया था.

कौन था मुन्ना बजरंगी ?

मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था. बचपन से ही मुन्ना बजरंगी का मन पढ़ाई की बजाय फालतू की चीज़ों में लगता था और पांचवी के बाद पढ़ाई छोड़ दी और जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया. वो यूपी के कुख्यात माफिया डॉन और बाहुबली मुख्तार अंसारी का खास रहा है.

मुन्ना बजरंगी को हथियार रखने का बड़ा शौक था. वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था. यही वजह थी कि 17 साल की उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. जौनपुर में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध हथियार का मामला दर्ज किया गया था. एक बार अपराध की दुनिया में आने के बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा.

वैसे डॉन मुन्ना बजरंगी सिर्फ अपराध के बल पर ही इतना ताकतवर नहीं बन गया. उसे राजनीतिक सरंक्षण भी मिला हुआ था. मुन्ना बजरंगी 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और राजनेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया. यह गैंग मऊ से संचालित हो रहा था, लेकिन इसका असर पूरे पूर्वांचल पर था. मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक चुना गया. मुन्ना बजरंगी के आने के बाद से अंसारी का गैंग और पावरफुल बन गया. 2005 में मुन्ना बजरंगी ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के कहने पर दिन दहाड़े कृष्णानंद राय की हत्या कर दी. इस हत्या के बाद हर कोई मुन्ना बजरंगी के नाम से डरने लगा. इसके बाद ही वो मोस्ट वॉंटेड अपराधी की लिस्ट में शामिल हो गया.

यूपी पुलिस और एसटीएफ लगातार डॉन मुन्ना बजरंगी को तलाश कर रही थी. उसका यूपी और बिहार में रह पाना मुश्किल हो गया था. दिल्ली भी उसके लिए सुरक्षित नहीं था. इसलिए मुन्ना भागकर मुंबई चला गया. उसने एक लंबा अरसा वहीं गुजारा. इस दौरान उसका कई बार विदेश जाना भी होता रहा. उसके अंडरवर्ल्ड के लोगों से रिश्ते भी मजबूत होते जा रहे थे.

ऐसे हुआ था गिरफ्तार

डॉन मुन्ना बजरंगी के खिलाफ कई राज्यों में मुकदमे दर्ज थे. वह पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था. सबे ज़्यादा केस उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं. बड़ी मुश्किल से अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार किया था. अपराध की दुनिया का बादशाह रहे मुन्ना बजरंगी का अंत कुछ वैसा ही हुआ जैसा वो अपने दुश्मनों का करता था.

अपराध की दुनिया से जुड़े अधिकांश लोगों का  अंत डॉन मुन्ना बजरंगी जैसा ही होता है, मगर जेल में हुई इस हत्या ने पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है और पहले से ही बदनाम यूपी पुलिस की छवि अब और खराब हो गई है.