ENG | HINDI

मुंबई माफिया भाग 4: वरदराजन मुदालियर का कुली से तमिलों के मसीहा तक का सफर

हाजी मस्तान, करीम लाला और वरदा भाई ये तीनों नींव थे मुंबई माफिया की. अलग अलग धंधे, अलग अलग एरिया पर फिर भी तीनों जुड़े थे एक दुसरे से.

विक्टोरिया स्टेशन पर काम करने वाले वरदा नाम के इस कूली की जेब भले ही छोटी थी पर दिल बहुत बड़ा था. हिन्दू होते हुए भी वरदा भाई काम के बाद दरगाह जाता था और वहां बैठे जरुरतमंदों का पेट भरता था.

ऐसा नही कि डॉन बनने और पैसा कमाने के बाद वरदा भूल गया, वरदा की ये दिनचर्या हमेशा चलती रही. वरदा का मानना था कि जो कुछ भी है उसके पास वो इसी नियाज़ का फल है .

M_Id_409226_south

बिस्मिल्ला की दरगाह वरदा की पसंदीदा जगह थी, हर रोज़ वो थोड़ी बहुत नियाज़ वहां अदा करता था और जैसे जैसे तरक्की करता गया नियाज़ की मात्र भी बढती गयी.

1 2 3 4 5