Categories: विशेष

भारत के 5 सबसे खतरनाक और मशहूर डाकू

डकैती न जाने भारत में कब से चल रही है.

कुछ डाकू अपने माथे पर लगे उस टीके के लिए मशहूर हैं जो मेरे ख्याल से सरकार के विरुद्ध छिड़ी जंग का प्रतीक है और कुछ उन लम्बे बालोंd और बड़ी-बड़ी मूंछों के लिए मशहूर हैं जो वैराग्य की निशानी है.

मैं डाकुओं को अच्छा साबित करने की कोशिश नहीं कर रहा लेकिन यह याद रखिए कि इन्हें हालातों ने बन्दूक उठाने के लिए मजबूर किया था.

हम आपके सामने लाए हैं भारत के 5 सबसे खतरनाक और मशहूर डाकू जिन्होंने सालों साल लोगों के मन में दहशत को जीवित रखा.

1) डाकू मान सिंह
डाकू मान सिंग या ठाकुर मान सिंह आगरा के एक राजपूत परिवार में जन्मे थे और चम्बल के खेरा राठोर नाम के एक गाँव में रहते थे. वे गरीब लोगों के बीच काफी मशहूर थे. वे अमीर लोगों से पैसे चुराते और वही पैसे गरीबों में बांटते. इनकी मौत सन 1955 में हुई. उन्हें फांसी दी गई थी.

2) वीरप्पन
वीरप्पन कर्नाटका, केरल और तमिल नाडू के जंगलों में काफी समय तक रहा. ऐसा माना जाता है कि वीरप्पन के पास सैकड़ों डकैतों की एक फ़ौज थी जिसके सहारे वह इतने लम्बे समय तक भारतीय मिलिट्री से बचा रहा. वीरप्पन पर 9,20,000 डॉलर का इनाम रखा गया था. सन 2004 में वीरप्पन की मौत हो गई. पुलिस ने वीरप्पन के सिर पर गोली मारकर उसकी हत्या की थी.

3) निर्भय सिंह गुज्जर
निर्भय सिंह गुज्जर चम्बल के आखिरी बड़े डाकुओं में से एक था. निर्भय सिंह गुज्जर के गुट में कुल 70 से लेकर 75 डकैत थे जो ए.के.47 जैसी राइफलों से लैस थे. इनके पास नाईट विज़न दूरबीन, बुलेट प्रूफ जैकेट और ढेर सारे मोबाइल फ़ोन भी मौजूद थे. सन 2005 में पुलिस के बन्दूक की गोली द्वारा निर्भय सिंह गुज्जर की मौत हो गई.

4) सुल्ताना डाकू
सुल्ताना डाकू भी गरीबों के बीच काफी मशहूर थे. इन्हें पश्चिमी मीडिया ने रोबिन हुड का नाम दे रखा था. ये अमीरों से पैसे और कीमती चीज़ें लूटकर गरीबों में बाँट देते थे. एक तरह से देखा जाए तो वे गरीब लोगों के लिए ही डकैती करते थे. इनको ब्रिटिश सरकार ने नजीबाबाद में फांसी देकर मार डाला था.

5) फूलन देवी.
मेरे ख्याल से भारत की सबसे मशहूर डाकू, फूलन देवी को उनके हालातों ने बन्दूक उठाने के लिए मजबूर कर दिया. उनकी ज़िन्दगी में दुखों की कोई कमी नहीं थी. इनके साथ कई बार ऊंची बिरादरी के लोगों ने बलात्कार किया और इन्हें खूब मारा पीटा. यही वजह थी कि सिस्टम के खिलाफ लड़ने के लिए फूलन देवी ने बन्दूक उठाई और एक डकैत बन गईं. एक महिला होने के बावजूद ये अपनी गैंग की सरगना थीं. सन 2001 में एक अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर, फूलन देवी की हत्या कर दी.

ये डाकू, चाहे अच्छे थें या बुरे, सभी का अंत एक जैसा हुआ. क़ानून ने सबको सज़ा दी.

मैं फिर कहता हूँ कि इन्होने हालातों की वजह से डकैती अपनाई थी. अंत में इन्हें डकैत बनने में कोई आनंद नहीं मिला.

तो याद रखिए, क़ानून के खिलाफ जाना कोई अच्छी बात नहीं!

Durgesh Dwivedi

Share
Published by
Durgesh Dwivedi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago