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ये चार तरह के होते हैं पुरुष, जानिए आप इनमें से कौन हैं

पुरुष के प्रकार

पुरुष के प्रकार – ईश्‍वर ने धरती की रचना बड़े ही अद्भुत तरीके से की है। इसके एक-एक हिस्‍से और रूप को बड़ी मेहनत से रचा गया है।

पृथ्‍वी पर ईश्‍वर ने मनुष्‍य जाति को तीन भागों में विभाजित किया है जिसमें स्‍त्री, पुरुष और तीसरी जाति किन्‍नर की है।

मानव जाति में स्‍त्री को देवी और मां का दर्जा दिया गया है तो वहीं किन्‍नरों का जीवन बेहद कष्‍टकारी होता है। इन तीनों में सबसे अच्‍छा जीवन पुरुष का होता है क्‍योंकि समाज को पुरुष प्रधान के नज़रिये से देखा जाता है इसलिए पुरुषों को अपने मन की करने की स्‍वतंत्रता है और किसी भी तरह से कोई भी उनके अधिकारों का हनन नहीं कर सकता जबकि हमेशा से ही महिलाओं और किन्‍नरों को अपने हक के लिए लड़ाई लड़नी पड़ी है।

आज हम आपको पुरुष के प्रकार – पुरुषों से संबंधित महात्‍मा बुद्ध के विचारों के बारे में बताएंगें कि उन्‍होंने किस तरह पुरुषों को चार भागों में विभाजित किया है और किस प्रकार के पुरुष सबसे उत्तम माने जाते हैं।

तो चलिए जानते हैं पुरुष के प्रकार पर महात्‍मा बुद्ध के विचार…

पुरुष के प्रकार –

एक बार महात्‍मा बुद्ध प्रवचन दे रहे थे, जैसे ही उनका प्रवचन समाप्‍त हुआ तभी एक राजा ने जिज्ञासु वश उनसे पूछा कि ‘हे महात्‍मा, आपने अपने प्रवचन में चार प्रकार के मनुष्‍यों की बात कही है.. लेकिन ये नहीं बताया कि वो चार प्रकार कौन से हैं? कृपया करके विस्‍तार से समझाइए।

इस प्रश्‍न के उत्तर में महात्‍मा बुद्ध ने कहा कि मनुष्‍य चार प्रकार के होते हैं जिनमें पहला होता है तिमिर यानि अंधकार। जो व्‍यक्‍ति अंधकार की ओर आगे बढ़ता है वो इस श्रेणी में आता है।

दूसरा होता है अंधकार से रोशनी की ओर जाने वाला और तीसरा ज्‍योति यानि प्रकाश से तिमिर की ओर जाने वाला। इसमें चौथा प्रकार का व्‍यक्‍ति होता है जो ज्‍योति से ज्‍योति की ओर जाता है।

बुद्ध कहते हैं कि जब कोई मनुष्‍य अपना पूरा जीवन बुरे कर्मों को करते-करते ही बिता देता है तो वो तिमिर से तिमिर की ओर जाता है, वहीं दूसरी ओर जब कोई मनुष्‍य जन्‍म से भले ही अचछे या ऊंचे कुल का ना हो लेकिन उसके कर्म, वचन अच्‍छे हों, वह सदाचारी हो तो वो तिमिर से ज्‍योति की ओर जाने वाला होता है।

तीसरा व्‍यक्‍ति वो है जो अच्‍छे कुल में जन्‍मा हो, बलवान हो, उसकी काया बहुत आकर्षक हो लेकिन मन-वचन और कर्म से वो दुराचारी हो तो ऐसे मनुष्‍य को ज्‍योति से तिमिर की ओर जाने वाले लोगों की श्रेणी में शामिल किया गया है।

मनुष्‍य की चौथी श्रेणी है ज्‍योति से ज्‍योति की ओर जाने वाला। वो लोग जो अच्‍छे कुल में जन्‍में हों और अपने आवरण से भी बहुत शुद्ध और पवित्र हों, ऐसे मनुष्‍य ज्‍योति से ज्‍योति की ओर जाने वाले होते हैं।

इस लेख को पढ़ने के बाद आप खुद जान सकते हैं कि आप मनुष्‍य की किस श्रेणी में आते हैं और आपके कर्म और आचरण कैसा है।

ये है पुरुष के प्रकार – हम सभी धरती पर किसी उद्देश्‍य से आए हैं जिसके पूरा होते हुए ही हमें वापिस जाना होता है किंतु आखिरी समय में अगर हमारे कुछ काम आता है तो वो हैं हमारे कर्म इसलिए कर्म करते जाओ, फल की इच्‍छा मत करो।