ENG | HINDI

5800 रूपए पाने के लिए लाखों खर्च कर चुका है ये आदमी !

मनमोहन शर्मा

मनमोहन शर्मा – बॉलीवुड की वो फिल्म आपको याद होगी जिसमें अनुपन खेर अपने बेटे की अस्थियाँ लेने के लिए न जाने कितनी बार सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाते रहे.

वो फिल्म ऐसे ही नहीं बन गई थी.

उस फिल्म ने समाज से ही सीख लिया था. उस फिल्म की ही तरह आज भी सरकारी दफतरों के चक्कर लगाते हुए कई बार लोगों की उम्र निकल जाती है. ये है हमारे देश की सरकारी संस्था.

एक ऐसा ही वाकया हुआ है एक व्यक्ति के साथ.

न जाने कितने साल से वो सरकारी लोगों के चक्कर लगा है कि उसका मूल धन वापस हो जाए. ये कहानी आज के ज़माने में थोड़ी हैरान करने वाली है, लेकिन सच है. खबर राजधानी से जुडी हुई है. दिल्ली के संग्रहालय में रखे वर्ष 1855 में बने विश्व के सबसे पुराने भाप इंजन ‘फेयरी क्वीन को वर्ष 1997 में फिर से पटरी पर दौड़ाने वाले तत्कालीन रेलवे अधिकारी मनमोहन शर्मा को अब सिस्टम दौड़ा रहा है. सरकारी सिस्टम उन्हें इतना दौड़ा रहा है कि उनके कई लाख खर्च हो गए.

आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने ५८५० रूपए के लिए मनमोहन शर्मा ने लाखों रूपए खर्च कर दिए. जी हाँ. साल 2001 से महज 5850 रुपये के लिए रेलवे के अधिकारी उन्हें चक्कर लगवा रहे हैं. आज नहीं कल मिलेगा. ऐसा कहते हुए ये सरकारी अधिकारी उनका समय और पैसा बर्बाद कर दिए.

मनमोहन शर्मा बीकानेर में रहते हैं. उन्हें जब भी रेलवे अधिकारी बुलाते हैं उन्हें आना पड़ता है. इस रकम को वापस लेने के लिए राजधानी से उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर तक आने जाने में करीब दो लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. हद तो ये हो गई कि इतना खर्च करने के बाद भी उन्हें अपनी रकम नहीं मिली.

मनमोहन शर्मा ने हार नहीं मानी है. अब वो अपना पैसा वापस पाने के लिए consumer कोर्ट जाएंगे.  मनमोहन की उम्र ७६ साल है. मनमोहन शर्मा ने बताया कि सेवानिवृत्त होने से पहले वर्ष 2001 में रेलवे बोर्ड का आजीवन सदस्य बनने के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा की फीस के रूप में 6,500 रुपये जमा किए थे. बोर्ड ने परीक्षा में पास होने पर जमा की गई फीस का 90 फीसद वापस होने का पत्र दिया था.

परीक्षा पास करने के बाद मनमोहन शर्मा को आजीवन सदस्य बनने का प्रमाण पत्र और परिचय पत्र तो जारी कर दिया गया, लेकिन उन्हें फीस की 90 फीसद रकम 17 साल बाद भी वापस नहीं मिली.

आज तक वो पैसा उन्हें नहीं मिला. तब से अब तक वह दो हजार बार कागजात व रसीद की फोटोस्टेट करा चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सफलता नहीं मिली.

अपने इस तकलीफ को भुलाने के लिए मनमोहन शर्मा कई फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. ग़दर में वो एक ड्राईवर के रूप में दिखे थे. सनी देओल, अमीषा पटेल, ऐश्वर्या राय और अक्षय कुमार के साथ भी ये काम कर चुके हैं. इन्हीं पलों के ज़रिये वो अपने जीवन का दुःख मिटा लेते हैं.

अगर इसी तरह से जनता के साथ अन्याय होता रहा, तो लोगों को अपने पैसों की खातिर न जाने कितने जन्म बिताने पड़ेंगे. सरकारी कर्मचारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो भी एक इंसान हैं और इसी समाज में रहने वाले हैं.