जीवन शैली

एक सरकारी अधिकारी खुद को आखिर क्यों बता रहा है भगवान विष्णु का अवतार

विष्णु का अवतार – लोग पागल हो रहे हैं या उनका दिमाग सच में काम करने लगा है.

कभी कोई कृष्ण बनकर नाचने लगता है तो कभी कोई खुद को राधा मान लेता है. भारत में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. कभी भी किसी को भूत स्वर हो जाता है तो कभी किसी को माता रानी की सवारी आने लगती है. ये हो क्या रहा है. लोगों ने मज़ाक बनाकर रख दिया है.

इसी मज़ाक में एक मज़ाक और सामने आया. गुजरात के एक महानुभाव खुद को भगवान् विष्णु का अवतार बता रहे हैं. वो सरकारी कर्मचारी हैं. अब बताइए लगता है कि काम करते हुए उनके दिमाग पर गहरा असर हो गया है जो खुद को भगवान् बता रहे हैं.

बहुत साल पहले सुनने में आया था कि कोई व्यक्ति खुद को राधा रानी मान लिया है.

वो अब भी राधा जी की ड्रेस में रहते हैं. कृष्ण से प्यार करते हैं. गुजरात के इस व्यक्ति को भगवान् बनने का भूत सवार हो गया है और खुद को भगवान् विष्णु का अवतार मान रहा है. एक सरकारी अफसर है ये.  इस सरकारी अधिकारी ने खुद को भगवान विष्णु का दशम अवतार यानि कल्कि अवतार बताया है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह अधिकारी ने तपस्या करने के नाम पर ऑफिस जाने से भी इंकार कर दिया है. लोग इसे पागल भी कह रहे हैं. आसपास के लोगों को ये पागल नज़र आ रहा है.

ये अधिकारी ऑफिस का काम छोड़कर अब तपस्या करने की बात कह रहा है.

अब बताइए अगर ये भगवान् हैं तो इन्हें तपस्या करने की क्या ज़रुरत. महाशय कहते हैं कि वो दुनिया भर के लोगों के दिलों में परिवर्तन लाने के लिए तपस्या कर रहा है. इस कारण वह ऑफिस नहीं आ सकता है. इस अधिकारी का नाम “रमेश चंद्र फेफर” है, जो कि गुजरात की सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी में अधीक्षण अभियंता की पोस्ट पर तैनात हैं. ऑफिस न आने के चलते जब रमेश चंद्र को ऑफिस की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तो उन्होंने बड़ा अनोखा जवाब दिया. जवाब पाकर ऑफिस वाले भी पहले खूब हँसे फिर लगा कि उनका ऑफिसर पागल हो गया है.

इस जवाब में अधिकारी ने लिखा था कि उनकी तपस्या सफल हो रही है, देश में अच्छी बारिश हो रही है. बहरहाल वह अपनी तपस्या को रोक नही सकते इसलिए फिलहाल उनका ऑफिस आना संभव नही है. अब बताइये इस तरह से कोई जवाब लिखता है. मीडिया से भी ये आदमी मुखातिब हुआ. मीडिया से कहने लगा कि आप शायद विश्वास नहीं करेंगे कि मैं ही भगवान विष्णु का दशम अवतार यानि कल्कि अवतार हूं. मार्च 2010 में ऑफिस में कार्य करते हुए मैंने अनुभव किया था कि मेरे अंदर दिव्य शक्तियां हैं. मैं आने वाले समय में खुद की हर एक बात को सही साबित करके दिखाऊंगा. मीडिया वाले भी उस समय उसकी बात सुनकर हंस रहे थे.

इस सरकारी अधिकारी ने कहा कि उसकी तपस्या के कारण ही पिछले 19 वर्ष से देश में अच्छी बारिश हो रही है. अब सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी को यह तय कर लेना चाहिए कि मुझे ऑफिस में बैठा कर टाइम पास कराना है या देश का सूखापन खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाना है.

अब इसे क्या कहेंगे आप ही निर्णय कर लीजिये. किस तरह के सनकी लोग दुनिया में हैं कि खुद को ही वो भगवान् मान बैठे हैं.

Shweta Singh

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Shweta Singh

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