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पुरुषों में भी होती है महिलाओं वाली ये समस्या !

शुक्राणु की कमी

शुक्राणु की कमी ना केवल पुरुषों को बांझपन तक ले सकती है बल्कि यह उससे भी कई गुना ज्यादा खतरनाक हो सकती है.

दरअसल शुक्राणुओं की कमी पुरुषों में कई तरह की बीमारियाँ बढ़ा देती हैं. इस बात को साबित करता है ईटली के वैज्ञानिकों का एक अध्ययन.

इस अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है की शुक्राणु की कमी पुरुषों को ना केवल नपुंसक बना देती हैं बल्कि उनमें कई तरह की बीमारियों की संख्या भी बढ़ा देती है. शोधकर्ताओं कि माने तो शुक्राणुओं की कमी को पुरुषों में उनके स्वास्थ्य और बांझपन के संकेत के रूप में भी देखा जा सकता है. ये संकेत पुरुषों के लिए एक तरह से बेहद अच्छा भी साबित हो सकता है क्योंकि अगर ज्यादा देर ना हुई हो तो पुरुष डॉक्टर की सलाह काफी जल्दी प्राप्त कर सकते हैं.

शुक्राणु की कमी

इटली के ब्रेशिया विश्वविद्यालय में एसोसिएटप्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अल्बटरेफेरलिन ने कहा “हमारा अध्ययन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पुरुषों में शुक्राणु की कमी मेटाबॉलिक परिवर्तन, हृदय जोखिम और हड्डी के द्र्वयमान में कमी से जुड़ा हुआ है.”

फेरलिन आगे कहते हैं “बांझ पुरुषों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ और जोखिम पहले से होते हैं, जो जीवन के गुणवत्ता को बिगाड़ सकते हैं और उनकी जिंदगियों को कम कर सकते हैं. फेरलिन अब विश्वविद्यालय से रिटायर हो चुके हैं उन्होंने ये अध्ययन कई साल पहले किया था जब वह विश्वविद्यालय में कार्यरत थे.

शुक्राणु की कमी

इस अध्ययन को आगे बढ़ाते हुए साल 2018 में अपनी 100 वी सालगीरा पर एंडोक्राइन सोसाइटी ने अपनी बैठक में एक्स्पो में प्रस्तुत अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने बांझ दंपतियों के 5177 पुरुषों पर ये अध्ययन किया और शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन में शामिल आधे से ज्यादा पुरुषों के शरीर में 1.2 गुना अधिक वसा उच्च रक्तचाप खराब केलेस्ट्रोल और अच्छा केलेस्ट्रोल कम होने की संभावना थी.

इस अध्ययन के चलते शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में शामिल पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम की उच्च तीव्रता भी पाई गई, इस तरह के सिंड्रोम शरीर में बहुत बड़ा जोखिम साबित हो सकते हैं.

अन्य मेटाबॉलिक जोखिम कारक मदुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना बढ़ाते हैं. शोधकर्ताओं ने बताया की शुक्राणुओं कि कमी के कारण पुरुषों में हाइपोगोनेडिज्मका जोखिम और लो टेस्टोस्टेरोन का स्तर 12 फीसदी तक बढ़ जाता है. साथ ही इन पुरुषों में आधे से ज्यादा हड्डी के द्रव्यमान में कमी पाई गई.

डॉक्टर का कहना है की इन सभी के चलते पुरुषों को बांझपन का तो सामना करना पड़ ही सकता है साथ ही उन्हें कई गंभीर बीमारियों से भी सामना कर ना पड सकता है. इसके चलते अगर कोई भी पुरुष अपने अंदर कमज़ोरी महसूस करें या शुक्राणुओं की कमी के संकेत पाए तो उसे जल्द से जल्द किसी चिकित्सक के पास इलाज के लिए जाना चाहिए. क्योंकि ऐसा ना करने पड़ ये एक गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकता है.

तो अगर आप में या आपके पति या बॉयफ्रैंड को शुक्राणु की कमी की समस्या है तो इसे यूँहि नजर अंदाज ना करें अभी से ही किसी डॉक्टर या चिकित्सक से संपर्क करें.