प्रेम

कॉलेज में हुआ प्‍यार सबसे ज्‍यादा होता है झूठ !

कॉलेज का प्‍यार – स्‍कूल के बाद कॉलेज जाने का ख्‍याल ही मन को रोमांचित कर देता है।

स्‍कूल में जहां पाबंदियां होती हैं वहीं कॉलेज लाइफ में कोई रोक-टोक नहीं होती और यही बात मन को सबसे ज्‍यादा खुश करती है। आपको भी स्‍कूल में कॉलेज लाइफ के बारे में सोचकर बहुत खुशी महसूस होती होगी।

कॉलेज लाइफ पढ़ाई के लिए कम और आशिकी के लिए ज्‍यादा जानी जाती है। कॉलेज में आने से पहले ही लोग प्‍लान बना लेते हैं कि उन्‍हें कैसी गर्लफ्रेंड या ब्‍वॉयफ्रेंड देखना है और चाहे कुछ भी हो जाए वो अब कॉलेज में तो सिंगल नहीं रहेंगें।

कॉलेज का प्‍यार – मैं अपने एक्‍सपीरियंस की बताऊं तो मेरे कॉलेज में भी पहले ही साल कई रिश्‍ते बने जो एक साल तो दूर की बात है महीनों तक भी नहीं चल पाए। वहीं जो रिलेशनशिप कॉलेज के 3 साल निकाल पाए वो कॉलेज खत्‍म होते ही फुस्‍स हो गए। आज उन कमिटेड कपल्‍स को किसी और के साथ शादी करते हुए देखती हूं तो लगता है कि कॉलेज टाइम पर एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाले लोग आज किसी और के साथ जी रहे हैं। ये होता है कॉलेज का प्‍यार –

कॉलेज का प्‍यार –

अगर इन सब बातों पर गौर किया जाए तो एक बात साफ निकलकर सामने आती है और वो ये है कि कॉलेज में अपने रिलेशनशिप को लेकर लड़के-लड़कियां ज्‍यादा सीरियस नहीं होते हैं और इस लड़कपन की उम्र में वो कई बार गलत रिश्‍ते भी बना बैठते हैं तो बहुत जल्‍दी दम भी तोड़ देते हैं। कॉलेज लाइफ पढ़ाई के लिए कम और आशिकी के लिए ज्‍यादा जानी जाती है।  चलो कॉलेज में तो आप फिर भी थोड़े मैच्‍योर और बड़े हो जाते हैं लेकिन अब तो बच्‍चे अब स्‍कूल में ही प्‍यार का पाठ पढ़ने लगे हैं। अब छठी क्‍लास के स्‍टूडेंट का भी ब्‍वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड होती है।

स्‍कूल लाइफ सबसे खास होती है। जिंदगी के इस पड़ाव पर जो बच्‍चा अच्‍छे से पढ़ लेता है उसकी पूरी जिंदगी आसान और सफल हो जाती है साथ ही ये समय मौज-मस्‍ती के लिए भी होता है और आजकल तो स्‍कूल लाइफ में प्‍यार-मोहब्‍बत भी जुड़ गई है।

जब कभी भी घर बनता है तो सबसे पहले उस घर की नींव मज़बूत की जाती है। इसी तरह स्‍कूल लाइफ से ही बच्‍चे की नींव शुरु होती है और अगर इसी बीच बच्‍चा प्‍यार में पड़ जाए तो इसका सारा असर उसकी पढ़ाई पर होता है जो आगे चलकर उसके भविष्‍य पर भी पड़ता है।

स्‍कूल लाइफ में किसी बच्‍चे को प्‍यार हो जाए तो वो पढ़ाई के समय भी उसी के बारे में सोचता है और इस वजह से उसका ध्‍यान पढ़ाई में नहीं लग पाता है। जब आपका ध्‍यान क्‍लास में होगा ही नहीं तो पढ़ाई क्‍या खाक करेंगें और जब पढ़ाई ही नहीं करेंगें तो एग्‍जाम में पास कैसे होंगें।

ये होता है कॉलेज का प्‍यार – समय कभी लौटकर नहीं आता और अगर आप अपने भविष्‍य को संवारना चाहते हैं तो अपनी स्‍कूल और कॉलेज लाइफ को प्‍यार में पड़ कर खराब ना करें क्‍योंकि ये वक्‍त पढ़ाई का है दिल्‍लगी का नहीं। अगर आप आज संभल गए तो आपका पूरा भविष्‍य संवर जाएगा और आपके परिवार को भी इससे खुशी मिलेगी।

Parul Rohtagi

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Parul Rohtagi

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