Categories: विशेष

हिजड़ो की भी शादी होती हैं यहाँ!

हिजड़ों की शादी – सुन कर ही अजीब लगता हैं न?

मगर यह हिंदुस्तान हैं दोस्तों यहाँ हर चीज़ संभव हैं. हिजड़े या जिसे तीसरा जेंडर भी कहा जाता हैं, ऐसे लोग होते हैं जिनमे आधी औरत और आधे मर्द दोनों के गुण पाए जाते हैं.

इनके व्यवहार में नर और मादा दोनों के तत्व मिलते हैं और ऐसे उभय लिंगी लोग ही हिजड़े या किन्नर कहे जाते हैं.

प्रकृति ने जब नर और मादा की रचना की थी तो इसका मुख्य उद्देश्य था संतान उत्पत्ति, लेकिन इस उभय लिंग में संतान उत्पत्ति के यह गुण नहीं पाए जाते हैं. कहा जाता हैं कि उभय लिंग में मर्द और औरत दोनों लिंग की शक्ति और गुण पाए जाते हैं इसलिए उनकी शादी नही होती हैं.

लेकिन दक्षिण भारत में तमिलनाडु के इक इलाके में हिन्दू धर्म के अनुसार एक ऐसे देवता हैं, जिनकी शादी साल में एक बार हिजड़ों से होती हैं.

असल में इस पूरी प्रथा के पीछे महाभारत का एक रोचक किस्सा हैं.

तमिलनाडु में हिजड़ों के देवता के नाम से जाने जाने वाले “राजा अरावन” की पूजा हर हिजड़ा साल में एक बार करता हैं. इस इलाके में यह उत्सव लगभग 18 दिन चलता हैं. पुरे उत्सव में किन्नर समुदाय नाच गा के अपनी खुशियाँ मनाता हैं और आखरी के 17 वें दिन अरावन देवता से विवाह करता है, परन्तु यह विवाह अगले दिन ही टूट जाता हैं.

कथा के अनुसार महाभारत में एक बार अर्जुन ने द्रौपदी से विवाह की एक शर्त का उलन्घन्न किया था और युद्ध के समय पांडवों को जीत के लिए स्वेक्षिक बलि देनी की बात आई लेकिन पांचो भाइयों में से किसी एक की भी बलि युद्ध का रुख बदल सकती थी, इसलिए पांडवों को किसी अन्य राजकुमार की तलाश शुरू करनी पड़ी.

राजकुमार अरावन के पास जब यह प्रस्ताव गया तो वह सोच में पड़ गए क्योकि एक दिन के बाद उनकी होने वाली पत्नी विधवा हो जाएगी.

पांडवो की समस्या देखकर श्री कृष्ण ने अपना मोहिनी वाला रूप फिर से लेकर राजकुमार अरावन से विवाह किया और दुसरे दिन उनकी बलि के बाद उनकी पत्नी के रूप में विलाप किया.

राजकुमार अरावन की याद मैं ही आज भी किन्नर समुदाय भगवान् विष्णु के मोहिनी अवतार की तरह अरावन के लिए विलाप करता हैं और एक दिन का विवाहित जीवन जी कर अगले दिन विधवा बन जाता हैं.

कहा जाता हैं की तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में कूठेन्दवर मंदिर में आज भी हर साल राजकुमार अरावन की पूजा के पूरा किनार समुदाय यहाँ एकत्रित होता हैं और अपने देवता अरावन से एक दिन का विवाह करता हैं और अगले दिन फिर से वही जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाता है.

Sagar Shri Gupta

Share
Published by
Sagar Shri Gupta

Recent Posts

क्या मरने के बाद जब आत्मा स्वर्ग या नरक जाती है तो वह पल हमें याद रहते हैं?

सवाल बेहद पेचीदा है इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक रूप से तो व्यक्ति को तभी…

4 years ago

कोरोना वायरस: क्या है कोरोना, कैसे फैलता है यह और कैसे कोरोना वायरस से बचना है, सब कुछ है इस एक आर्टिकल में

दुनिया भर के देश इस समय कोरोना वायरस के चलते दहशत में हैं. कोरोनावायरस से…

4 years ago

दिल्ली में दंगे हुए तो यह धर्म पूरी तरह से हो जायेगा खत्म, नहीं रहेगा इसका इतिहास में भी नाम

दिल्ली के अंदर कई सालों के बाद इस तरीके के दंगे भड़के कि जिनके अंदर…

4 years ago

दिल्ली हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन आप के नेताओं से क्या बात कर रहा था, हकीकत आपको हैरान कर देगी

दिल्ली में हुए दंगों के अंदर जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर…

4 years ago

फांसी से पहले निर्भया के दोषियों ने खाने में क्या माँगा है जरूर पढ़िए

निर्भया केस में फंसे हुए तीनों अपराधियों की फांसी 3 मार्च को सुबह-सुबह हो सकती…

4 years ago

निर्भया केस: पवन जल्लाद दोषियों को फांसी देने जेल आया, कल इतने बजे का समय हुआ पक्का 

निर्भया केस में दोषियों को फांसी देना अब 3 मार्च को पक्का नजर आ रहा…

4 years ago