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रामशंकर ‘विद्रोही’ की ये कवितायेँ नहीं नंगा सच है!

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तुम्हारा भगवान

worship

तुम्हारे मान लेने से
पत्थर भगवान हो जाता है,
लेकिन तुम्हारे मान लेने से
पत्थर पैसा नहीं हो जाता।
तुम्हारा भगवान पत्ते की गाय है,
जिससे तुम खेल तो सकते हो,
लेकिन दूध नहीं पा सकते।

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