अपनी अंग्रेजी लिखने की स्किल्स को बेहतर करें इन 7 आसान तरीकों से!

दिन पर दिन अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल हमारी ज़िन्दगी में बढ़ता जा रहा है|

अब सिर्फ़ भाषा का ज्ञान होना, उसे बोल पाना या पढ़ पाना ही काफ़ी नहीं है| ज़रुरत है उसे सही तरीके से लिख भी पाना जिस से कि आप अपनी बात एक सहज और सभ्य तरीके से दूसरों के सामने रख सकें| अगर आप अंग्रेजी में काम की ईमेल लिख रहे हैं या कॉलेज का कोई पेपर तो और भी ज़रूरी हो जाता है कि पढ़ने वाले के ऊपर आपकी एक बेहतरीन छाप छूट जाए|

आईये बताता हूँ ऐसे 7 आसान तरीके जिस से आप अपनी अंग्रेजी लिखने की स्किल्स को उभार सकते हैं:

1) प्लैनिंग

कुछ भी लिखने से पहले सोच लें कि क्या लिखना है, क्यों लिखना है और कैसे लिखना है? एक बार दिमाग़ में विचार साफ़ हो गए तो लिखते वक़्त ज़्यादा सोचना नहीं पड़ेगा और क़लम अपने-आप दौड़ेगी!

2) रिसर्च

सोच तो लिया कि क्या लिखना है लेकिन उसके बारे में अगर और भी जानकारी इकट्ठी हो जाए तो लेखनी में चार चाँद लग जाते हैं| आपके आईडिया को सुन्दर तरीके से प्रस्तुत करने के लिए आपके पास काफ़ी सामग्री इकट्ठी हो जाती है जिस से कि पढ़ने वाला समझ जाएगा कि आप हवा में तीर नहीं छोड़ रहे!

3) अब लिख डालो

ये सारी तैयारी हो गयी तो फिर सब कुछ सलीके से लिख डालो| क्या पहले लिखना है, क्या बीच में आएगा और कैसे अंत होगा, इसका ख्याल रखते हुए कागज़ पर अपना एस्से या कॉलेज का पेपर लिख दो| अगर किसी को ईमेल लिख रहे हो तो तो इस बात का ध्यान दो कि जो भी जानकारी देनी थी, वो सभी लिखी गयी है और कुछ भी छूटा नहीं!

4) दूसरा ड्राफ़्ट

यहाँ ज़रुरत है अपनी गलतियाँ सुधारने की और भाषा को सँवारने की! एक बार फिर से पढ़ो जो लिखा है और देखो कि क्या उसे और बेहतर ढँग से पेश किया जा सकता है? कोई नयी बात, नए तरीके से कही जा सकती है? वो सब काट डालो जो ज़रूरी नहीं है!

5) एडिट करो

जहाँ शब्दों के स्पेलिंग ग़लत हैं उन्हें ठीक कर लो और जहाँ लगता है कि बेहतर शब्दों का इस्तेमाल हो सकता है, वो कर डालो| अब तक आपको पता चल गया होगा कि जो कुछ लिखना था, वो लिख लिया, बस अब उसे बेहतर और सुन्दर तरीके से पेश करना है! बार-बार पढ़ो और देखो कि जो लिखा गया है वो सिर्फ़ इसलिए नहीं कि लिखना था सो लिख दिया! देखो कि क्या उस में वो बात निकल कर आ रही है जो आप कहना चाहते हो? अगर नहीं, तो दोबारा से लिखो, काटो, छांटो और तब तक करो जब तक मन को संतुष्टि ना हो जाए!

6) कन्क्लूज़न

जब पूरी बात हो गयी तो उसका अंत एक सलीके से लिखने की ज़रुरत है| इसके लिए ईमेल में या पेपर में लिखी गयी सभी बातों का एक निचोड़ प्रस्तुत कीजिये, समरी के तौर पर और वो भी कम और आसान शब्दों में!

7) एडिटिंग

एक बार फिर से एडिट करो, देखो कि फ़ॉरमैट ठीक है कि नहीं और उसके बाद ही अपनी ईमेल या पेपर को ख़त्म करो! शुरू में हो सकता है आपको इस में समय लगे लेकिन करते-करते इसकी आदत हो जायेगी!

याद रखो, जब आप किसी से मिल नहीं सकते तो आपके यह शब्द आपके मन की बात की कहने के काम आते हैं! तो ऐसी भाषा और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें जिनसे आपको छवि उभरकर आये और पढ़ने वाला आपसे इम्प्रेस हो जाए!

Nitish Bakshi

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