धर्म और भाग्य

ग्रहण की वजह से इस बार नहीं हो पाएगी गुरु पूर्णिमा की पूजा

गुरु पूर्णिमा की पूजा – सूर्य और चंद्रमा के मध्‍य जब पृथ्‍वी आ जाती है तो चंद्र को ग्रहण लग जाता है क्‍योंकि सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ पाती है। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल गेंद जैसा नज़र आएगा और इस वजह से इसे ब्‍लड मून भी कहा जाता है।

ऐसा ग्रहण 104 साल में एक बार आता है। ये ग्रहण पूरे भारत में नज़र आएगा। इसलिए इस चंद्र ग्रहण का असर भारतीयों पर भी पड़ेगा।

इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी पड़ रहा है। हालांकि, सूतक काल की वजह से इस बार कोई शुभ कार्य एवं पूजन नहीं हो पाएगा। इस समय को अशुभ माना जाता है। ग्रहण के शुरु होने से पहले गुरु पूर्णिमा की पूजा की जा सकती है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा –

27 जुलाई को पड़ रहा है चंद्र ग्रहण

इस बार 27 जुलाई को सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण पड़ने जा रहा है और इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी है। 27 और 28 जुलाई की मध्‍यरात्रि में लगने वाले चंद्र ग्रहण में करीब 1 घंटे 43 मिनट का खग्रास रहेगा। ग्रहण 27 जुलाई की मध्‍यरात्रि को 11 बजकर 54 मिनट पर लगेगा। इसका मोक्षकाल यानि अंत 28 जुलाई को सुबह 3 बजकर 49 मिनट पर होगा। इतना लंबा चंद्र ग्रहण 1700 साल पहले पड़ा था।

सूतक से पहले कर लें गुरु पूर्णिमा की पूजा

27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा वाले दिन सूतक लगने से पहले गुरु पूजन, गुरु दान आदि संपन्‍न कर लें। दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से पहले ही सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगें। गुरु पूर्णिमा वाले दिन सूतक काल लगने से पहले देवी-देवताओं के दर्शन करें और घर एवं मंदिरों में किसी भी भगवान की मूर्ति को स्‍पर्श ना करें।

ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और इसके पीछे मनुष्‍य में नियमित मंदिर जाने को लेकर एक प्रकार का नियम व श्रद्धा भाव होता है। जो लोग नियमित मंदिर जाते हैं उन्‍हें ग्रहण के दुष्‍प्रभावों से बचाने के लिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं।

चूंकि, गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है इसलिए इस दिन सूतक लगने से पहले ही आपको पूजा कर लेनी है। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाएगा इसलिए बेहतर होगा कि आप दोपहर ढाई बजे तक गुरु पूजन और मंदिर के दर्शन आदि कर दें। दोपहर बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगें।

आपदा का है खतरा

इस ग्रहण का कर्क रेखा के आसपास के क्षेत्रों पर भयंकर प्रभाव पड़ेगा। इस ग्रहण के कारण भूकंप, सुनामी, ज्‍वालामुखी, चक्रवात या आग लगने जैसी घटनाएं यहां पर हो सकती हैं।

ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार ग्रहण का असर 12 राशियों पर भी पड़ता है। ये ग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोगों पर सकारात्‍मक असर डालेगा जबकि मकर, मिथुन, कन्‍या और धनु राशि पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, कुंभ, तुला और कर्क एवं वृषभ राशि को मिलाजुला परिणाम मिलेगा।

गुरु पूर्णिमा पर पड़ रहा है ये चंद्र ग्रहण कई तरह की आपदाओं का भी संकेत दे रहा है। खास बात ये है कि इस बार का ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा इसलिए आप सभी को इस ग्रहण के दौरान संभलकर रहना है।

Parul Rohtagi

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