धर्म और भाग्य

जीवन में परेशानी है? लिखो अर्जी गोलू देवता को और मिलेगा छुटकारा हर मुश्किल से!

अर्जियां सारी माथे पे लिखकर लाया हूँ ….

ये गाना शायद आपने सुना होगा.

अकसर हम सब ऊपर वाले को अपनी मन्नत पूरी करने या किसी मुश्किल से निकालने की अर्जी करते है.

लेकिन क्या आपने सोचा है कि यदि ऐसा हो कि आप अपनी अर्जी या शिकायत लिखित में ऊपर वाले को दे सके. आपकी अर्जी पढ़कर भगवान आपकी इच्छा पूरी करे और आपकी शिकायतें दूर कर दे.

वैसे ऊपर वाले को लिखित में अपनी अर्जी और शिकायतें देना इतना मुश्किल भी नहीं है. बस आपको हमारे देश की देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश उत्तराखंड आना पड़ेगा.

उत्तराखंड की धरती पर  एक से बढ़कर एक मंदिर है. शिव, विष्णु, दुर्गा सभी के प्रसिद्द देव स्थान इसी प्रदेश में है. इन सब देवी देवताओं के अलावा यहाँ बहुत से क्षेत्रीय देवी देवताओं के मंदिर है. इन मंदिर में से कुछ मंदिर तो बहुत ही अनोखे है.

अजब अनोखे मंदिरों के बारे में हम आपको समय समय पर अवगत करवाते रहते है, इसी श्रृंखला में हम आज आपको अल्मोड़ा के पास चित्तई में स्थित एक अनोखे मंदिर के बारे में बताएँगे.

चित्तैई में गोलू देवता नामक क्षेत्रीय देवता का मंदिर है. ये मंदिर आसपास के गांवों में ही नहीं पूरे देश भर में प्रसिद्द है.

दूर दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में आते है वहीँ बहुत से पर्यटक भी इस अनोखे मंदिर को देखने आते है.

इस मंदिर में पूजे जाने वाले देवता का नाम गोलू देवता है.

कहा जाता है कि गोलू देवता इंसाफ के देवता है. जिसे भी कोई मुश्किल होती है या फिर किसी के बारे में कोई शिकायत होती है वो व्यक्ति गोलू देवता को एक अर्जी में सब कुछ लिखकर चढ़ा देता है.

इस मंदिर को घंटी वाला मंदिर भी कहते है क्योंकि अर्जियों के साथ साथ श्रद्धालु अपनी आवाज़ गोलू देवता तक पहुँचाने के लिए मंदिर के प्रांगण में घंटियाँ भी बांधते है.

इस मंदिर में भक्तों द्वारा जो घंटियाँ चढ़ाई जाती है उन्हें बेचा नहीं जाता ना ही उनका उपयोग कहीं और किया जाता है. ये सभी घंटियाँ मंदिर के प्रांगण में ही बंधी रहती है. इसीलिए इस मंदिर में घंटियों का ढेर लगा हुआ है.

मन जाता है जब कोई श्रद्धालु अर्जी में लिखकर अपनी समस्या गोलू देवता को देता है तो गोलू देवता जल्दी इन्साफ करते है.

घंटियों और अर्जी वाले मंदिर के अलावा इस मंदिर को इंसाफ वाला मंदिर भी कहा जाता है. अर्जी पूरी होने पर या इन्साफ मिल जाने पर श्रद्धालु एक बार फिर गोलू देवता के मंदिर में भेंट लेकर उन्हें धन्यवाद देने के लिए आता है.

अब इस बात में कितनी सच्चाई है कि गोलू देवता लिखित अर्जियों पर इन्साफ करते है या नहीं. वैसे भी बात जहाँ श्रद्धा और भक्ति की होती है वहां तर्क की बात कौन करना चाहेगा. कुछ लोग ज़रूर कहते है कि गोलू देवता को अर्जी लिखने के बाद उनके इन्साफ मिला है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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