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देश में फर्जी इंजीनियरिंग कॉलेजों की भरमार, फर्जीवाड़े में राजधानी टॉप पर

Degree

फर्जी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी – हमारे देश में उच्च शिक्षा महंगी तो है ही साथ ही अब इसमें फर्जीवाड़े की भी बाढ़ आ गई है यानी लाखों रुपए फीस देकर और दिन रात मेहनत करके आप जो डिग्री हासिल कर रहे हैं ज़रूरी नहीं कि वो असली हो, क्योंकि हमारे देश में फर्जी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की भरमार हो गई है और इसने छात्रों का भविष्य अधर मे डाल दिया है.

बुधवार को सरकार ने लोकसभा में फर्जी यूनिवर्सिटी से जुड़ा जो आंकड़ा पेश किया वाकई हैरान करने वाला था. केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने संसद में फर्जी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी को लेकर जो जानकारी दी उसके मुताबिक, भारत में 277 फर्जी इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि फर्जीवाड़े की इस लिस्ट में देश की राजधानी दिल्ली टॉप पर है. अकेले दिल्ल मे ही 66 फर्जी कॉलेज हैं, जो इंजीनियरिंग और टेक्निकल कोर्स करवाते हैं.

वहीं तेलंगाना में 35 और पश्चिम बंगाल में 27 फर्जी टेक्निकल इंस्टीट्यूट हैं. इन कॉलेजों में कर्नाटक के 23, उत्तर प्रदेश के 22, हरियाणा के 18, महाराष्ट्र के 16 और तमिलनाडु के 11 संस्थान शामिल है.

इस लिस्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 18, बिहार में 17, गुजरात में 8, आंध्र प्रदेश में 7, पंजाब में 5, राजस्थान में 3 और उत्तराखंड में 3 फर्जी इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय हैं. बता दें कि ये इंजीनयिरिंग कॉलेज ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के अप्रूअल के बिना कोर्स करवा रहे थे. अब इन संस्थानों को इजाजत लेनी होगी, अन्यथा इन्हें बंद कर दिया जाएगा.

अब सवाल ये उठता है कि जब सरकार के पास इन फर्जी कॉलेजों के बारे में जानकारी है तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे फर्जी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी को अब तक बंद क्यों नहीं करवाया गया या फिर उन्हें अप्रूवल के लिए अब तक नोटिस क्यों नहीं भेजा गया.

देश में वैसे ही फिलहाल इंजीनियरों को नौकरी की किल्लत है उस पर फर्जी कॉलेज से यदि कोई छात्र डिग्री लेकर निकलता है और उसे बाद में इस फर्जीवाड़े का पता चलता है तो ज़रा सोचिए उसके दिल पर क्या बीतेगी. शिक्षा संस्थानों को वैसे भी आजकल एक बिज़नेस  की तरह चलाया जा रहा है, स्कूल हो या कॉलेज सब मनमानी फीस वसूलते हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि सरकार इनकी निगरानी करे ताकि छात्रों का भविष्य खराब न हो.