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आदमखोर बनते जा रहें हैं कुत्ते, छ: महीनें में ले चुके 12 बच्चो की जान

आदमखोर कुत्ते – आदमखोर कुत्तों से जुड़ी यह घटना उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की है।

आदमखोर कुत्ते ने इसबार 10 साल के कासिम को अपना शिकार बनाया। पुलिस के हवाले से पता चला कि बकरियाँ चरानें गये कासिम पर शिकारी कुत्तों का एक झुंड टूट पड़ा और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया जिससे उसकी मौत हो गयी।

ऐसे ही एक और घटना का जिक्र करते हुए पुलिस बताती हैं कि सीतापुर के ही बिहारीपुर गाँव के इरफान नाम के लड़के को गंभीर रूप से नोच डाला। पिछले एक हफ्ते के दौरान आदमखोर कुत्ते जिन्हों ने अपने हमलों में छठी मौत को अंजाम दिया है।

कासिम की मौत के पहले 4 मई को खैराबाद के मासूनपुर गाँव में सात वर्षीय गीता और शहर कोतवाली के बुढ़ानपुर गांव में 10 वर्षीय वीरेंद्र भी आदमखोर कुत्ते के शिकार बन गए।

कोलिया में अपने ननिहाल आई 10 वर्षीया कोमल सहेलियों के साथ खेल रहे थी, उसे भी कुत्तों ने हमला कर खूब नोंचा-चीथा और मार डाला।

इस घटना के पहले गुरपालिया में 12  साल की ख़ालिद आम बीनने गया था और उस पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्तों द्वारा नोचे जाने पर ख़ालिद की मौके पर ही मौत हो गई।

इसी दिन एक मई को टिकरिया में 11 साल की शामली बाग़ में आम बीनने गई थी, कुछ कुत्तों ने उसपर जानलेवा हमला किया और उसे नोंट-नोंच कर मार डाला।

इसके बाद आदमखोर कुत्तों की सबसे ताजी घटना भगौतीपुर गाँव के कासिम की है। बकरियाँ चराने गया कासिम को कुत्तों ने अकेला पाकर उसपर हमला बोल दिया और उसको मरते दम तक नोंचा। पिछले एक हफ़्ते में आदमखोर कुत्तों ने 6 मासूम जानें लीं, जबकी 6 महीनें में 12 निर्दोष बच्चों को नोच-नोंचकर खा डाला।

प्रशासन आदमखोर कुत्तों से मासूमों की सुरक्षा करने और इन अनहोनी से निज़ात पाने की जुगत में हैं। जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने बताया कि ये आदमखोर कुत्ते जिले में आतंक का पर्याय बन चुके हैं। इनको पकड़ने के लिए दिल्ली और लखनऊ नगर निगमों की सहायता ली जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 30 कुत्तों को पकड़ा जा चुका है। इन आदमखोर कुत्ते जंगल में छुड़वा दिये गए है।

सीतापुर में आदमखोर कुत्तों की घटनाओं को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए जिले की प्रभारी मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने सीतापुर पहुंचकर इस सम्बंध में प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। मंत्री ने खैराबाद में स्थानीय ग्राम प्रधानों, नगर पालिका अध्यक्ष, मीडिया तथा गठित टीमों के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के साथ बैठक की।

एक राष्ट्रीय समाचार पत्र की ख़बर के मुताबिक जिला प्रशासन द्वारा सीतापुर के आदमखोर कुत्तों को लखनऊ ले जाकर नसबंदी कराया जा रहा है। अब तक 22 कुत्तों की नसबंदी कराई जा चुकी है।

पशु विशेषज्ञों ने बताया कि कुत्तों के व्यवहार में आये इस खतरनाक बदलाव का मुख्य कारण उन्हें उनका वह भोजन ना मिल पाना है, जिसके वे आदतन आदी हैं। उनकी खाने संबंधी आदत बदलना इतना आसान भी नहीं है।

पहले बूचड़खाने चलते थे, तो कुत्तों को जानवरों के बचे-खुचे अवशेष खाने को मिल जाया करते था।

अब बूचड़खाने बंद हो गए। जो लोग मांस का सेवन करते हैं वे पशुओं की हड्डियां खुले में फेंकने से परहेज करते हैं। इसी चलते धीरे-धीरे कुत्तों के भोजन में कमी आ गई, इसीलिए यह दिक्कत हो रही है।

फिलहाल इस घटना से सीतापुर जिले के लोग काफी आहत हैं, कई जानें चली जाने के बाद लोग जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे। प्रशासन अब सक्रिय है, इससे निजात पाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

Amit Anant

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