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दीवाली 2018 का शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी पूजन की विधि !

दीवाली २०१८ का शुभ मुहूर्त

दीवाली २०१८ का शुभ मुहूर्त – दीवाली कहें या फिर दीपावली जो कि भारतवर्ष में मनाया जाने वाला हिंदूओं का सबसे बड़ा उत्सव है जिसके बारे में लगभग हर कोई परिचित है। इस पर्व पर लोग घरों में अनगिनत संख्या में दीपक जलाकर खुशियां मनाते है।

कहा जाता है कि दीपावली पर्व का आरम्भ तब हुआ था जब भगवान श्री राम की 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या में वापसी हुई थी। इस दौरान वहाँ की प्रजा ने घी के दिये जलाकर स्वागत किया था। इस प्रकार अब हर साल यह अमावस्या की काली रात रोशन हो जाती है। दीवाली को कई नामों से भी जाना जाता है जैसे प्रकाशोत्सव, दीपोत्सव रोशनी की रात इत्यादि। इस पर्व पर लोग तक़रीबन 5000 करोड़ के पटाखें खरीदते है और खुशियां मनाते है तथा एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।

साल 2018 की दीवाली 7 नवम्बर को पूरे भारतवर्ष तथा कई बाहरी देशों में भी मनाई जाएगी जिसको लेकर घरों में साफ़-सफाई की तैयारियां शुरू हो चुकी है।

आज हम आपको दीवाली २०१८ का शुभ मुहूर्त बताएँगे कि इस दीवाली २०१८ का शुभ मुहूर्त कितने बजे है और लक्ष्मी जी पूजा कैसे की जानी चाहिए।

दीवाली २०१८ का शुभ मुहूर्त –

दीवाली और लक्ष्मी पूजा

धन की देवी लक्ष्मी जी की इस पर्व पर रात में पूजा की जाती है इस कारण इस रात को बहुत ही शुभ माना जाता है। घर में सुख-समृद्धि बने रहे और मां लक्ष्मी स्थिर रहें इसके लिये दिनभर लक्ष्मी जी का उपवास रखना काफी अच्छा माना जाता है।

दीवाली 2018 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इस वर्ष की दीवाली 7 नवम्बर को अखण्ड भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाएगी जिसका शुभ लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 17:57 से 19:53 है। जबकि इस बार प्रदोष काल 17:27 बजे से 20:06 बजे तक रहेगा। तो वृषभ काल का आरम्भ 17:57 बजे होगा और समाप्ति 19:53 बजे होगी। दीवाली जो हर साल अमावस्या को ही मनाई जाती है और इस बार अमावस्य का आरम्भ 22:27 (06 नवम्बर) को होगा और इसका असर 21:31 बजे (07 नवंबर) तक रहेगा। इस प्रकार लक्ष्मी जी की पूजा अगर इसी समय और विधि विधान के अनुसार की जाती है तो घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

5 दिन तक मनाई जाती है दीवाली

वैसे तो दीवाली का मुख्य दिन एक ही होता है लेकिन धनतेरस जैसे दिनों को जोड़कर 5 दिन तक यह पर्व मनाया जाता है। जो कि इस प्रकार है:-

पहला दिन (5 नवंबर, 2018) 

यह दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है। “धन” का अर्थ है धन और “तेरस” हिंदू कैलेंडर में 13वां दिन होता है। इस दिन लगभग पूरे भारत में लोग बाजारों में भ्रमण करते हुए खरीददारी करते है क्योंकि इस अवसर पर खरीदना काफी लाभदायक माना जाता है। बच्चे इस दिन से पटाखों पर ध्यान देना शुरू कर देते है।

दूसरा दिन (6 नवंबर, 2018) 

दूसरा दिन जिसे नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि देवी काली और भगवान कृष्ण ने इस दिन राक्षस नरकासुर का वध किया था। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

तीसरा दिन (7 नवंबर, 2018) 

दीवाली इसी दिन मनाई जाएगी और यह काली अमावस्या की रात के नाम से भी जानी जाती है। बता दें कि यह इस महीने का यह सबसे अंधेरी रात होती है। इस दिन सुबह से ही तैयारियां शुरू हो जाती है और रात में घरों में दीपक जलाए जाएंगे। बच्चे जो आतिशबाजी करते है। समय और विधि विधान से लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

चौथा दिन (8 नवंबर, 2018) 

दीवाली के दूसरे ही दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। जी हां, उत्तर भारत में, गोवर्धन पूजा उस दिन मनाया जाता है जब भगवान कृष्ण ने भगवान इंद्र की मूसलाधार बारिश के क्रोध पर गोकुल के लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। साथ ही गुजरात में, यह एक नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।

पांचवां दिन (9 नवंबर, 2018) 

दीवाली का यह पांचवां और अंतिम दिन होता है जिसे भाई दुज के नाम से जाना जाता है। यह दिन भाई तथा बहिनों के प्रेम के समर्पित है। इस दिन भाई-बहिन एक दूसरे को उपहार देते है तथा बहिनें राखी बांधती है।

दीवाली २०१८ का शुभ मुहूर्त – तो आज हमने जाना कि दीपावली 2018 का लक्ष्मी पूजा का सही समय क्या है और अमावस्य का आरम्भ कब होगा जैसी इत्यादि बातों के बारे में। इस प्रकार आपको भी समय पर लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए ताकि घर में सुख समृद्धि बनी रहे।