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अब सोशल मीडिया पर गंदी बात करना पड़ सकता है भारी

मीडिया पर गंदी बात

मीडिया पर गंदी बात – सोशल मीडिया के चलते लगातार एक के बाद एक हो रहे हंगामों पर अब केन्द्र सरकार ने भी कड़ा रूख अपना लिया है।

बीते गुरूवार को केन्द्र सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक चैतावनी भरा फरमान जारी किया है। केन्द्र सरकार ने  सभी सोशल नेटवर्किग साइड्स को सोशल मीडिया का प्रयोग करने और उस पर किसी भी तरह के अफवाहों और फेक न्यूज को लेकर एक दायरा तय करने के आदेश जारी किये हैं।

क्या है केन्द सरकार का यह नया फरमान

केन्द्र सरकार के गृह सचिव राजीव गौबा ने बीते गुरूवार को सोशल मीडिया के कारण देश भर में हो रहे दिनों-दिन विवादों को लेकर सोशल मीडिया की कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से खास तौर पर मुलाकात की। इस बैठक में सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाले विवादित कंटेंट को किस तरह से रोकें और इनके लिए किस तरह की गाइडलाइंस बनाई जाये इस बात पर विचार किया गया। साथ ही इस तरह के अपराधिक कामों को लेकर ज्लद से जल्द कानूनी प्रवधान बनाने को लेकर भी चर्चा हुई।

बतां दे कि इस मीटिंग के दौरान गूगल, ट्वीटर, फेसबुक, इंस्ट्रग्राम, और यूट्यूब के बड़े अधिकारियों और प्रतिनिधियों के अलावा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुड़े सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहें।

मीडिया पर गंदी बात

आखिर क्यों जारी किया केन्द्र सरकार ने ये फरमान

दरअसल अफवाहों, फेक न्यूज और विवादित पोस्टों के कारण हो रही हिंसक घटनाओं, बच्चों और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों और आपत्तिजनक कॉन्टेंट को लेकर केन्द्र सरकार के गृह सचिव और सोशल मीडिया के बड़े प्रतिनिधियों के बीच यह बैठक हुई। जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों को कहा गया कि वह जल्द से जल्द ऐसी सामग्री और इनका प्रसार करने वाले सभी अकाउंटस को तुरंत ही ब्लॉक करने के लिए खास सिस्टम बनाये। इतना ही नहीं सरकार ने इस ऐंटी नैशनल कॉन्टेंट पर रोक के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को सुझाव भी दिए।

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सोशल मीडिया पर गंदी बात करना अब पड़ सकता है भारी

सोशल मीडिया पर अब किसी भी तरह की अफवाह, फेक न्यूज या आपत्तिजनक पोस्ट करना भारी पड़ सकता है। दरअसल सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों और गृह सचिव के बीच हुई इस बैठक के बाद जब केन्द्र सरकार ने ऐसे कॉन्टेंट को लेकर रोक की दिशा में नए कानून बनाने की पहल की है। इस दिशा में इस कानून के तहत सोशल मीडिया पर अब हेट कॉन्टेंट देने, फेक न्यूज फैलाने और अफवाहों और आपत्तिजनक तस्वीरों या वीडियों पोस्ट करने वाले लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही हो सकती है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए बने कानून 66 (ए) के खत्म होने के बाद उसके बदले में नए जारी किये जाएंगे, जिन्हें अंतिम रूप दे रही ग्रुप ऑफ डी मिनिस्टर्स ने इस बारे में सिफारिश भी की थी।

मीडिया पर गंदी बात

इस कानून पर पूरे विचार विमर्श के बाद इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जायेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा 66 (ए) को खत्म करने के बाद सरकार ऐसे मामलों में कोई नया कानून नहीं लायेगी, बल्कि वह आईपीसी की मौजूदा धारा में ही कुछ बदलाव और सुधार के साथ अफवाह, फेक न्यूज और आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले गुनेहगारों के लिए कड़े से कड़ा दंड प्रावधान तैयार करेंगी।

मीडिया पर गंदी बात – खबरों के माने तो यदि सरकार अपने इस प्लॉन में कामयाब हो जाती है, तो सोशल मीडिया पर ऐसे कॉन्टेंट फैलाने वालें लोगों को तीन साल की सजा हो सकती है और ये अपराध गैरजमानती भी होगा।