शिक्षा और कैरियर

सेल्स गर्ल ने टॉप करके तोड़ दिये सारे रिकार्ड्स

डिंपल कुमावत – मध्य प्रदेश की एक लड़की की कहानी हर किसी की जुबान पर है.

लोग उसी के गुण गा रहे हैं. तारीफ के पुलिंदे बांधे जा रहे हैं. लोगों को लग ही नहीं रहा है कि इतना बड़ा काम ये लड़की आखिर कर कैसे गई.

चलिए हम आपको  बताते हैं कि आखिर इस लड़की ने किया क्या है. असल में ये महीना है रिजल्ट हा. जी हाँ दसवीं और बारहवीं के रिजल्ट पूरे देश में निकल रहे हैं.

इसी पढ़ाई में इस लड़की ने टॉप किया है. असल में ये कोई बड़े बाप की बेटी नहीं है और न ही पढ़ाई के लिए बहुत समय मिला. ये तो एक सेल्स गर्ल है, जो पढ़ाई करके टॉप की.

इस लड़की की उपलब्धि को कोई भी भुला नहीं पा रहा है.

सुबह से शाम तक नौकरी करना उसके बाद पढ़ाई करके टॉप करना बहुत बड़ी  बात है. इसकी लाइफ में संघर्ष तो बहुत थे, लेकिन उन सबको पीछे ठोकर मार दिया और खुद आगे बढती गई. सुबह सात से बारह बजे तक स्कूल में पढ़ाई, दोपहर एक से रात साढ़े नौ बजे तक गारमेंट की दुकान पर सेल्सगर्ल का काम, रात 11 से दो बजे तक होमवर्क. कुछ इसी तरह का टाइम टेबल था इस लड़की का.

इस सेल्स गर्ल का जिसकी वजह से आज इंदौर का नाम न्यूज़ पेपर में छाया हुआ है.

सुंदर मुस्कान वाली डिंपल कुमावत ने दुनिया के बच्चों को ये दिखा दिया कि संघर्ष में भी पढ़ाई की जा सकती है बस पढने का जज्बा चाहिए.  पढ़ाई के साथ परिवार में आर्थिक संघर्षों का दबाव.

इन सबके बीच अपने और परिवार के लिए छोटा सा सपना देखा जिसे मेहनत, ईमानदारी और समर्पण से पूरा कर दिखाया डिंपल कुमावत ने. प्रदेश की 12वीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट लिस्ट में टॉप टेन में आई पिंक फ्लॉवर स्कूल की डिंपल कुमावत ने मातृ दिवस पर अपनी दृष्टिबाधित मां और दर्जी पिता को जीवन का खास तोहफा दिया.

अब डिंपल कुमावत को मुख्यमंत्री से सम्मान मिलेगा. पेपर में नाम और फोटो तो छप ही गई. जनता क्वार्टर में रहने वाली डिंपल कुमावत के पास सीएम हाउस से फोन आया तब वह परदेशीपुरा स्थित कपड़े की दुकान पर थी. वह दो साल से घर खर्च और पढ़ाई के पैसे जुटाने के लिए नौकरी कर रही है. डिंपल कुमावत ने बताया उसे मेरिट की उम्मीद थी, लेकिन प्रदेश की प्रावीण्य सूची में आने की कल्पना नहीं की थी. बिना कोचिंग यह मुकाम पाने वाली डिंपल कुमावत कलेक्टर बनना चाहती है. बहुत ही ऊँचा सपना देखा है डिंपल कुमावत ने. मुमकिन है वो भी पूरा हो जाए.

कई बार ऐसा भी हुआ जब डिंपल स्कूल की फीस भी नहीं भर पायीं. ऐसा भी लग रहा था कि इस बार वो परीक्षा में बैठ भी नहीं पाएंगी. स्कूल वालों ने साथ दिया. कड़ी मेहनत और इच्छाशक्ति देख रोल नंबर जारी कर दिया. डिंपल ने कहा, ”मैंने शिक्षकों का विश्वास नहीं टूटने दिया.” सच में बेटी हो तो ऐसी. माँ बाप दोनों का नाम रोशन कर दिया.

बिना कोचिंग, बिना सुविधा के टॉप १० में आकर डिंपल कुमावत ने सच में बहुत बड़ा काम किया है. डिंपल जैसी लड़की सिर्फ अपने परिवार का ही नहीं बल्कि देश का गौरव हैं.

Shweta Singh

Share
Published by
Shweta Singh

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago