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आज़ादी से दो दिन पहले ऐसा था देश का हाल जानकर दिल दहल जाएगा!

आज़ादी से पहले देश का हाल

आज़ादी से पहले देश का हाल – इस बार देश 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है.

आज़ादी के 7 दशक बाद देश में बहुत कुछ बदल चुका है, भारत की गिनती अब दुनिया के ताकवर देशों में होती है, भले ही देश में अब भी बड़ी तादाद में लोग गरीब है, मगर एक सच ये भी है कि करोड़पतियों की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है और वैश्विक स्तर पर देश की छवि मज़बूत हुई है, लेकिन क्या आज जानते हैं कि आज से 7 दशक पहले यानी आज़ादी के दो दिन पहले तक देश की क्या स्थिति थी? उस वक़्त कैसा माहौल था?

चलिए, हम बताते हैं आज़ादी से पहले देश का हाल.

  • अगस्त 1947 में देश दो टुकड़ों में बंट चुका था और इसके साथ ही हिंदू और मुस्लिमों का भी विभाजन होना शुरू हो गया था. आज़ादी से दो दिन पहले यानी 13 अगस्‍त को मुस्लिम महिलाओं ने दिल्‍ली से ट्रेन में बैठकर पाकिस्‍तान जाना शुरू कर दिया था और पाकिस्‍तान से हिंदू महिलाओं को को भारत भेजा जा रहा था.

  • पाकिस्‍तान से भारत आने वाली ट्रेनों की बोगियां लाशों से भरी हुई थीं. एक तरफ देश में आजादी का जश्‍न मनाने की तैयारी चल रही थीं तो दूसरी तरफ भारत-पाकिस्‍तान बंटवारे के चलते चारों ओर खून-खराबा मचा था.
  • हिंदुस्‍तान-पाकिस्‍तान सिर्फ 50 से 60 दिन के भीतर हुआ लाखों लोगों का विस्‍थापन था, जो पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ था. बंटवारे की घोषणा होते ही एक जगह पर सालों से रहने वाले लोग अपना घर, जमीन, दुकानें, जायदाद, संपत्‍ति, खेती सब छोड़कर हिंदुस्‍तान से पाकिस्‍तान और पाकिस्‍तान से हिंदुस्‍तान आ गए.

  • विस्‍थापित लोगों की संख्‍या करीब 1.45 करोड़ थी. 1951 की विस्थापित जनगणना के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए और 72,49,000 हिंदू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए.
  • विभाजन में हुए खून-खराबे और दंगे-फसाद ने सबकी रूप कंपा दी थी. एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 लाख से ज्‍यादा लोग मारे गए थे. पाकिस्‍तान से हिंदुस्‍तान आए लोगों को अपने फिर से ज़िंदगी बसाने और रोजी-रोटी के लिए मशकत करनी पड़ी, इस दर्द को कोई और नहीं समझ सकता.

  • उस वक्‍त मुस्लिम समुदाय के लोगों में खुशी का माहौल था, क्‍योंकि उन्‍हें पता चल चुका था कि अगले दिन यानी 14 अगस्‍त को उनके लिए एक अलग राष्‍ट्र यानी पाकिस्‍तान बन जाएगा. भले ही वो खुश थे, मगर बंटवारे में सीमा पार के भी लाखों घर उजड़े थे.

ये था आज़ादी से पहले देश का हाल – आज़ादी के इतने साल बाद भी कुछ परिवारों को बंटवारे का दर्द आज भी महसूस होता है क्योंकि इस बंटवारे में कई परिवारों के रिश्तेदार सीमा पार रह गए, कईयों को अपने पुरखों की ज़मीन छोड़नी पड़ी थी. सबसे बड़ी विडंबना तो ये है कि आज़ादी के इतने सालों बाद भी पाकिस्तान से भारत के संबंध नहीं सुधरे हैं और इसका खामियाज़ा दोनो मुल्कों के लोगों को उठाना पड़ रहा है.