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बच्चों से सीखें ये बातें, सच मानिए आसान हो जाएगी ज़िदंगी

बचपन की बातें

बचपन की बातें – बचपन का ज़माना, बचपन का वो खूबसूरत दौर, आप सभी को याद होगा, जब हमारे पास मानो खुशियों का खज़ाना रहता है।

ना सुबह की खबर होती थी और ना शाम का ठिकाना होता था। दिल कभी चाह को पाने की हसरत कर लेता था तो कभी तितली को देख मचल उठता है।

बचपन की बातें

पानी में कागज़ की कश्तियां चलाने वाली वो अमीरी, बचपन में ही थी। यूं तो उम्र के साथ बचपन का दौर बीत जाता है और हम बड़े हो जाते हैं लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो हम बचपन के साथ बचपना समझ कर पीछे छोड़ देते हैं पर असल में वो ज़िदंगी को ज़िंदादिली से जीने के लिए बहुत ज़रूरी है।

बचपन की बातें

आइए कुछ ऐसी ही बचपन की बातें जो हमे बच्चों से सीखनी चाहिए और यकीन मानिए, अगर आपने इन बातों को सीखकर अपने जीवन में उतार लिया तो आपकी ज़िदंगी काफी हद तक आसान हो जाएगी।

बचपन की बातें –

वो खिलखिलाती हुई हंसी-

बचपन में हमें हंसने, खुश होने के लिए बहानों की ज़रूरत नहीं पड़ती थी। हम यूं ही बेवजह मुस्कुरा लिया करते थे और अपने आस-पास के लोगों के चेहरों पर भी मुस्कुराहट ले आते थे। वैसे ये ज़रूरी भी है, आज की भागदौड़ से भरी ज़िदंगी में कुछ पल अपने लिए चुराइए और कभी बेवजह यूं भी मुस्कुराइए।

बचपन की बातें

लोग क्या कहेंगे-

ये बात तो हर बड़े को बच्चों से सीखनी चाहिए,बचपन में हमें इस बात की बिल्कुल फ्रिक नहीं होती कि लोग हमारे बारे में क्या कहेंगे या क्या सोचेंगे, हम हर काम को दिल से करते हैं और जो दिल कहता है उसे ज़रूर करते हैं। अब भी ऐसा करके तो देखिए।

बचपन की बातें

जो दिल में वही ज़ुबां पर-

बच्चे बहुत ही साफ दिल के होते हैं। छल-कपट उनमें बिल्कुल नहीं होता। जिससे जो कहना है, खुल कर कह देते हैं। भले ही उस उम्र में समझ कम होती है लेकिन ऐसी समझ का भी क्या फायदा, जिससे आप सोचे कुछ, महसूस कुछ और करें और लोगों के आगे दिखाए कुछ और। दिल में कुछ और, ज़ुबां पर कुछ और रखने की आदत छोड़ दीजिए और बच्चों की तरह खुली किताब बनकर देखें।

बचपन की बातें

खुलकर रो पाना-

आज हम अपने आंसुओ को अपनों से भी छिपाते हैं और बचपन मे परायों के आगे भी खूब आंसू बहाते थे, खुल कर हंसने के लिए खुलकर रो पाना बहुत ज़रूरी है। इसलिए अपनी फीलिंग्स को ना छिपाए।

बचपन की बातें

पल में लड़ाई, पल में दोस्ती-

बचपन में हम किसी भी बात को दिल से नहीं लगाया करते थे और अगर लड़ाई भी होती थी तो पल में कट्टी और पल में बट्टी हो जाया करती थी। आज भी कुछ ऐसा ही करेंगे तो ज़िदंगी हसीन हो जाएगी, यकीन मानिए।

बचपन की बातें

बचपन की बातें – इस आर्टिकल ने आपके चेहरे पर मुस्कुराहट तो ला ही दी होगी और अगर आप इन बातों को अपनी ज़िदंगी में फॉलो करने लगेंगे तो आपकी ज़िदंगी भी बेशक मुस्कुरा उठेगी।