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गायब हुए 2000 के नोट, जानिए कैश की किल्लत का पूरा सच

कैश की किल्लत – नोटबंदी को आज करीब सवा साल हो गए है ।

लेकिन परिस्थिति आज भी मानो जस की तस बनी हुई है । आज एक बार फिर सभी ATM पर “नो कैश” के बोर्ड टंग गए है । नगदी की बात करें तो देश के लगभग 10 राज्यों के ATM में पैसे की किल्लत छाई है । इनमें बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना दिल्ली, आंध्रप्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल है । इसके अलावा बाकी राज्यों में भी दिक्कतें सामने आने लगी है ।

ये तो रही ATM में पैसे की किल्लत कि बात ,जिसकी वजह से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है । हांलकि इस पूरे मुद्दे पर वित्त मंत्रालय का कहना है कि पिछले 3 महीने से कैश नोट की डिमांड दोगुनी हुई है । साथ ही अप्रैल के शुरुवाती दो हफ्तों में कैश सबसे अधिक निकाले गए है । आंकड़ो की माने तो सामान्य से पांच गुना ज्यादा करेंसी निकाली गई है । “नो कैश” की परेशानी को दूर करने के लिए सरकार 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाने जा रही है । दो-चार दिन में हालात सुधारने का वादा भी किया है सरकार ने ।

ये तो रही सरकार की बात जिन्होंने “नो कैश” से अपना पलड़ा झाड़ लिया है लेकिन कई राज्यों में हालत अब भी बत्तर है ।

बिहार-  डिमांड के हिसाब से केवल 35% नोटों की सप्लाई ।

गुजरात-  सूरत में बैंक 50 हजार रु.तक ही नोट उपलब्ध करा रही है  ATM में ।

मध्यप्रदेश-  जमा और विड्रॉल पैसे में रोजाना 700 करोड़ का अंतर आ रहा है ।

झारखंड-   17 जिलों में 445  ATM में से 272 ATM  में ही कैश है ।

छत्तीसगढ़-  95% ATM बंद ।

चलिए जानते है कैश की किल्लत का पूरा सच , डालते है कारणों पर एक नजर विस्तार से ।

कैश की किल्लत –

1 – जनवरी 2018 से ही नकदी की मांग बढ़ी

देश में हर महिने 19 से 20 हजार करोड़ रुपये की मांग रहती है ,लेकिन जनवरी से मांग दोगुनी हो गई है । जनवरी में 40 से 45 हजार करोड़ नोट सप्लाई हुए । इससे स्टॉक अचानक से कम हो गया । 3 लाख करोड़ के बदले अभी 1.75 करोड़ का ही स्टॉक बचा है । सिर्फ अप्रैल में ही अब तक 45 हजार करोड़ रुपये की डिमांड रही यानी की रोजाना 3,461 करोड़ रुपये औसतन निकाले जा रहे है ATM से ।

2 – 2000 के नोट की छपाई बंद और शादी का सीजन बना सबसे बड़ा कारण

जी हां 18 लाख करोड़ की नगदी चलन में है । इनमें 6.7 लाख करोड़ रु. दो हजार के नोटों में है । लोगों से ये नोट वापस नहीं आ रहे । साथ ही नोटों की छपाई भी बंद हो गई है । 2000 के नोट ATM में डालने से 60 लाख एक ATM में आता है लेकिन छोटे नोट 15 से 20 लाख तक ही आते है, इस वजह से भी कैश की किल्लत बढ़ी है ।

3 – 4 से 5 दिन में परिस्थिति संभल जाएंगी

RBI का कहना है कि छपाई में तेजी लाई गई है, और अभी उसके पास पर्याप्त नगदी है । लॉजिस्टिक कारणों से भी कुछ राज्यों में ATM में नगदी भरने और कैलिब्रेशन की प्रक्रिया में दिक्कतें आ रही हैं ।

4 – क्या फिर से शुरु हो गई नोटों की काला बाज़ारी ?

जी हां रिपोर्ट की माने तो 2000 के नोटों की जमाखोरी फिर से शुरु हो गई है । जिस वजह से आज आम जनता को ये दिन देखने पड़ रहें है । सरकार इससे निकलने के लिए 500 रु की छपाई में तेजी की है ।

कैश की किल्लत – इन आंकड़ो और कारणों से साफ हो गया है कि जिस कालेधन के लिए मार्केट में 2000 रु का नोट उतारा गया था आज फिर उसी वजह से जमाखोरी बढ़ रही है औऱ सरकार आज भी अपनी नाकामी को छुपा रही है ।

Seema Yadav

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Seema Yadav

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