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ब्रिटेन के मंत्री ने बुर्का पहनी औरतों के बारे में कही बेहद घटिया बात

लेटर बॉक्स

लेटर बॉक्स – यूरोपीय देशों में अक्सर एशियाई देश के लोगों के खिलाफ कभी नस्लीय टिप्पणी की जाती है तो कभी उनके पहनावे का मज़ाक उड़ाया जाता है.

हाल ही में ब्रिटेन के एक मंत्री ने भी कुछ ऐसा ही बयान दे डाला जिससे अब उनकी फजीहत हो रही है. ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने बुर्का पहनने वाली महिलाओं के लेटर बॉक्स करार दे दिया, जिसके बाद उनके बयान की काफी आलोचना हो रही है.

महिलाओं के बारे में ऐसी असभ्य भाषा का इस्तेमाल किसी भी देश के मंत्री को शोभा नहीं देता. दरअसल, ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने बुर्के को ‘दमनकारी’ बताते देते हुए इस लिबास को पहनने वाली महिलाओं को ‘लेटर बॉक्स’ करार दिया. ‘द डेली टेलीग्राफ’ में रविवार को अपने नियमित स्तंभ में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ने कहा कि वह डेनमार्क की तर्ज पर बुर्के को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के पक्ष में हैं.

उन्होंने लिखा, ‘‘ अगर आप मुझसे कहें कि बुर्का दमनकारी है तो मैं आपके साथ हूं. मैं तो यहां तक कहूंगा कि यह बिल्कुल हास्यास्पद है कि लोग आने-जाने के लिए लेटर बॉक्स तरह दिखने का विकल्प चुनते हैं.’’ उन्होंने कहा ब्रिटेन में कारोबारी और सरकारी एजेंसियों को ‘ड्रेस कोड’ लागू करना चाहिए और लोगों को चेहरा देखने की इजाजत मिलनी चाहिए.

मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन ने बोरिस के बयान पर उनसे माफी की मांग की है और उन पर इस्लामोफोबिया को भड़काने का आरोप लग रहे हैं. लेबर पार्टी की ओर कहा गया है कि, ‘‘बोरिस जॉनसन के नस्लीय अपमान पर हंसा नहीं जा सकता है. प्रधानमंत्री टेरीजा मे को इस्लामफोबिया की निंदा करनी चाहिए और बोरिस जॉनसन को माफी मांगनी चाहिए.

ऐसा कोई पहली बार नहीं है कि विदेश में बुर्का पहनी महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बात कही गई है, इससे पहले भी बुर्का पहनने को लेकर विवाद हो चुका है. आपको बता दें कि कई देशों ने बुर्को पर प्रतिबंध लगा दिया है.

फ्रांस यूरोप का पहला ऐसा देश जिसने बुरके को बैन करने का कदम उठाया. 2011 में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुरके को पूरी तरह बैन कर दिया. ऐसा करने पर 150 यूरो का जुर्माना है. कोई अगर महिलाओं को जबरन बुरका पहनाएगा तो उस पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है. जबकि बेल्जियम में 2011 में बुरका बैन कर दिया गया. यहां बुरका पहनने पर महिलाओं को 7 दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है. 1 जुलाई 2016 से स्विट्जरलैंड के टेसिन इलाके में बुरके पर प्रतिबंध लागू हो गया है. इसका उल्लंघन करने पर 9200 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है. जून 2017 से जर्मनी में भी बुरके और नकाब पर रोक है लेकिन ऐसा सिर्फ सरकारी नौकरियों और सेना पर लागू होता है. स्पेन के कैटेलोनिया इलाके में कई जिलों में बुरके और नकाब पर 2013 से ही प्रतिबंध है. कॉन्गो में पूरे चेहरे को ढकने पर 2015 प्रतिबंध लागू है.

बुर्का पहनना एक धर्म विशेष से जुड़ा मामला है इसलिए कुछ देश इस पर प्रतिबंध नहीं लगाते क्योंकि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो जाएंगी, मगर बैन के पक्ष में एक तर्क ये भी दिया जाता है कि बुर्के की आड़ में यदि कोई गलत काम करता है तो उसे पहचाना नहीं जा सकता और आपराधिक तत्व इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. बुर्का बैन कर दिया जाना चाहिए या नहीं इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है?