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आस्ट्रेलिया ने भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिए खोले अपने दरवाजे

बच्चों को गोद लेने के लिए

बच्चों को गोद लेने के लिए – भारत में बहुत सारे गरीब बच्चे हैं।

इन बच्चों को घर दिलाने के लिए सरकार हमेशा कुछ ना कुछ कार्यक्रम चलाते रहती है।

इन कार्यक्रमों में बच्चे गोद लेने की प्रथा मुख्य रुप से शामिल होती है। जिसके कारण बाहर के देश भी बच्चों को गोद लेने के लिए भारत आते हैं। आस्ट्रेलिया ने भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिए फिर से अपने देश के दरवाजे खोल दिए हैं।

बच्चों को गोद लेने के लिए –

बच्चों को गोद लेने के लिए

आठ साल पहले लगाई थी पाबंदी

आस्ट्रेलिया पहले भी भारत से बच्चों को गोद लेता था। लेकिन गोद लेने की इस क्रिया पर आस्ट्रेलिया ने आठ साल पहले रोक लगा दी थी। दरअसल भारत में मानव तस्करी का चलन बहुत पुराना है और आधुनिक समय में तो इस चलन को आगे बढ़ाने के लिए कई संगठन भी बन गए हैं। सबसे ज्यादा बुरी बात है कि इस मानव तस्करी में बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। बच्चों को गैर-कानूनी तरीके से किडनैप कर बाहर के देशों में बेचा जाता था। इस तरह के काम में सफेदपोष संगठन भी शामिल हैं। इस कारण ही आस्ट्रेलिया ने आठ साल पहले भारत से बच्चे गोद लेने की प्रक्रिया पर रोक लगा दिया था।

बच्चों को गोद लेने के लिए

डर के कारण आस्ट्रेलिया ने लगाई ती यह रोक

यह रोक आस्ट्रेलिया ने डर के कारण लगाई थी। क्योंकि वहां की सरकार को इस बात की पूरी आशंका थी कि गोद लिया गया बच्चा कहीं बाल तस्करों के जरिए तो देश में नहीं पहुंचाया जा रहा है। इस कारण ही आठ साल पहले भारत से बच्चे गोद लेने पर आस्ट्रेलिया ने रोक लगा दी थी और उस समय भारत के लिए काफी शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई थी। उस वक्त पूरी दुनिया में भारत को काफी शर्मिंदा होना पड़ा था।

बच्चों को गोद लेने के लिए

CARA था लगातार संपर्क में

देश के लिए यह एक शर्मनाक स्थिति थी। बात देश की साख की थी इसलिए इस दौरान महिला महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) लगातार आस्ट्रेलियाई सरकार से संपर्क बनाए हुई थी। इस कोशिश का ही नतीजा है कि वहां की सरकार ने आठ साल बाद यह रोक खत्म कर दी है।

हटाई रोक

आस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत से गोद लेने की प्रकिया पर लगाई गई रोक हटा दी है। इस बात की जानकारी बीते सप्ताह देश के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अधिकारी के मुताबिक कुछ मान्यताप्राप्त भारतीय एजेंसियों द्वारा बच्चों को गोद दिलाने की आड़ में बच्चों की तस्करी किए जाने का आरोप लगने के बाद आस्ट्रेलिया ने 2010 में भारत से बच्चों के गोद लेने पर रोक लगा दी थी। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्रालय आस्ट्रेलिया के लगातार संपर्क में था। आखिरकार वे इसे बहाल करने पर सहमत हुए।’’

बच्चों को गोद लेने के लिए

भारतीय बच्चों के लिए भी अच्छी खबर

बच्चों को गोद लेने के लिए – यह भारत के अनाथ बच्चों के लिए सबसे अच्छी खबर है। क्योंकि बच्चों को गोद लेने के लिए भारत के बच्चों को विशेष तौर पर बाहर के देश पसंद करते हैं। क्योंकि यहां गोद लेने की प्रकिया थोड़ी आसान होती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में दूसरे देशों के नागरिकों ने भारत से 651 बच्चों को गोद लिया। एक और देश के लिए गोद लेने के रास्ते खुल जाने के बाद यह भारतीय बच्चों के लिए खुशखबरी के ही समान है।