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चपरासी से ऐसे बने कंपनी के मालिक, कहानी दिल छू लेगी

कार्नेगी

एंड्रयू कार्नेगी – हमने आपको कई बार लोगों की प्रेरणात्‍मक कहानियों के बारे में बताया है और आज भी हम आपके सामने एक ऐसे शख्‍स की सफलता की कहानी लेकर आए हैं तो सभी के लिए प्रेरणा के पात्र हैं।

जी हां, इस इंसान की कहानी सुनकर हर कोई प्रेरणा ले सकता है और अगर आप जिंदगी में हार मान चुके हैं तो इस इंसान की कहानी आपके बहुत काम आ सकती है।

200 साल पुरानी बात

ये बात लगभग दो सौ साल पुरानी है जब स्‍कॉटलैंड के एक गरीब परिवार में एक बच्‍चे ने जन्‍म लिया था। उस बच्‍चे का पिता फेरी लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे और उसकी मां घर पर केक बनाकर सड़क के नुक्‍कड़ पर बैठकर बेचा करती थीं। उस बच्‍चे को बचपन में ही ये अहसास हो चुका था कि यहां गरीबी में रह कर उसका विकास नहीं हो सकता है।

घर से भागने की प्‍लानिंग

एक दिन घर वालों को बिना बताए वह अमेरिका चला गया और वहां उसे एक इस्‍पात कंपनी में चपरासी का काम मिल गया। काम का बोझ ज्‍यादा नहीं था और जब घंटी बजती तभी उसे मैनेजिंग डायरेक्‍टर के सामने पेश होना पड़ता था और काम पूरा करके वह कार्यालय के बाहर रखे स्‍टूल पर बैठ जाता था। उसे अपना समय यूं बेकार होते देख अच्‍छा नहीं लगता था। मैनेजिंग डायरेक्‍टर की अलमारी से कोई किताब निकालकर वो पढ़ने लगता था और इस तरह उसका समय गुज़रता था। एक दिन किसी बात को लेकर डायरेक्‍टरों में विवाद हो गया और कोई भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहा था। वह चपरासी सारी बात सुन रहा था।

जब उससे रहा नहीं गया वो अपनी जगह से उठा और अलमारी से एक पुस्‍तक निकालकर उस पेज को खोलकर सबके सामने मेज पर रख दिया जिसमें उस प्रश्‍न का उत्तर था। सभी ने एकसाथ उसकी खूब तारीफ की।

मिल्‍टन की कही बातों को दोहराते हुए उनमें से एक ने कहा कि मन की चाहत से स्‍वर्ग को नर्क और नर्क को स्‍वर्ग बनाया जा सकता है। संस्‍कार,, व्‍यक्‍तिगत और सामाजिक समृद्धि को प्राप्‍त करने का उपाय है उद्देश्‍य पूर्ण ढंग से स्‍वाध्‍याय। उस लड़के ने यह साबित कर दिया कि एक चपरासी भी मैनेजिंग डायरेक्‍टर की योग्‍यता को पा सकता है।

बन गया करोड़पति

जिस लड़के की कहानी के बारे में हम आपको बता रहे हैं वो आगे चलकर करोड़पति बिजनेसमैन एंड्रयू कार्नेगी के नाम से फेमस हुए। अपनी मेहनत, लगन और निरंतर स्‍वाध्‍याय के कारण उन्‍हें ये मुकाम हासिल हुआ।

कार्नेगी का जीवन बहुत संघर्ष में बीता था। उन्‍होंने एक स्‍टील कंपनी ये अपने बिजनेस की शुरुआत की थी जिसे कार्नेगी के नाम से जाना जाता है। इनके नाम से ही अमेरिका में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी चलती है। इतना ही नहीं जब इन्‍होंने जे.पी मॉर्गन कंपनी को 480 मिलियन डॉलर में बेचा तो वो दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन गए थे।

दोस्‍तों, इस कहानी से भी यही प्रेरणा मिलती है कि जिसने गरीबी में जन्‍म लिया है जरूरी नहीं कि वो गरीबी में ही मरे। इंसान अपनी किस्‍मत खुद लिख सकता है और उसे बदल भी सकता है वो भी अपनी मेहनत के सहारे।