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इस मुस्लिम सुल्तान ने 600 साल पहले किया था अहमदाबाद का नामकरण

अहमदाबाद का नामकरण

अहमदाबाद का नामकरण – पिछले कुछ समय से हमारे देश में शहरों का नाम बदलने का एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है.

खासतौर पर देश के मुस्लिम नाम वाले शहरों का नामकरण करके हिंदू नाम रखा जा रहा है. हाल ही में मुगलसराय का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर दिया गया और अब बारी है अहमदाबाद की.

दरअसल, गुजरात के बड़े शहर अहमदाबाद का नाम बदलने की मांग काफी समय से हो रही है.

ऐसे में सरकार अब अहमदाबाद का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं. इस शहर का नाम बदलकर ‘कर्णावती’ हो सकता है. आपको बता दें, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बयान दिया कि वह पिछले काफी समय से अहमदाबाद का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं.

उनका कहना है कि अहमदाबाद का नाम बदल कर्णावती किया जा सकता है.

चलिए आपको पहले बता दें कि अहमदाबाद का नामकरण कैसे हुआ – शहर का नाम अहमदबाद कैसे पड़ा.

अहमदाबाद शहर भारत में, साबरमती नदी के तट पर मुंबई के उत्तर में स्थित है. देश का इकलौता ऐसा शहर है, जिसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के तौर पर शामिल किया गया है. माना जाता है कि 1411 AD में अहमदाबाद शहर को अहमदशाह बादशाह ने बनाया था, जिस वजह से इस शहर का नाम अहमदाबाद रखा गया था. हालांकि इससे पहले अहमदाबाद के आसपास का इलाका 11वीं सदी में बसना शुरू हुआ था. उस समय इसे ‘अशवाल’ कहा जाता था.

चालुक्‍य शासक कर्ण ने अशवाल के भील शासक को युद्ध में हराकर साबरमती नदी के किनारे कर्णावती शहर को बसाया था.

बता दें, 600 साल पहले अहमदाबाद को कर्णावती के नाम से भी जाना जाता था.

इस शहार की नींव 1411 में डाली गई थी.  हर का नाम सुलतान अहमद शाह पर पड़ा था.  भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अहमदाबाद प्रमुख शिविर आधार रहा है. इसी शहर में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और आज़ादी की लड़ाई से जुड़ें कई आंदोलन की शुरुआत भी यही से हुई थी.

अहमदाबाद बुनाई की कारीगरी के लिए भी मशूहर है. इसके साथ ही यह शहर व्यापार का केन्द्र है. सरकार का रुख देखते हुए लग रहा है कि अहमदाबाद जल्द ही कर्णावती हो जाएगा.

अहमदाबाद का नामकरण – वैसे नाम बदलने से शहर के लोगों की ज़िंदगी पर तो कुछ असर नहीं होता, लेकिन हां उन स्कूली बच्चों को ज़रूर दिक्कत होती है जिन्हें राज्य और शहरों के नाम याद करने पड़ते है. अब उन्हें नए सिरे से देश के शहरों के नाम पढ़ने होंगे.