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आधार की अनिवार्यता पर आया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

आधार की अनिवार्यता

आधार की अनिवार्यता – जब से आधार कार्ड आया है उसे लेकर बहस छिड़ी हुई है कि ये कितना ज़रूरी है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इससे जुड़ा अहम फैसला दिया है.

कोर्ट ने आधार को संवैधानिक बताते हुए इसे एक पहचान बताया है यानी आधार पहचान पत्र के रूप में काम करेगा, लेकिन हर जगह आधार ज़रूरी नहीं होगा.

स्कूल में एडमिशन कराने से लेकर फोन खरीदने तक अब तक सब जगह आधार की ज़रूरत पड़ती थी. हाल ही में मोबाइल कंपनियों और बैंकों ने भी ग्राहको के आधार नंबर फोन और बैक अकाउट से लिंक करने की कवायद शुरू की थी, लेकिन अब आपके लिए ये सब करना ज़रूरी नहीं होगा. कोर्ट ने निजी कंपनियों को आधार के आंकड़े एकत्र करने की अनुमति देने वाले आधार कानून के प्रावधान 57 को रद्द कर दिया है. यानी अगर पेटीएम या अन्य मोबाइल कंपनियां अनिवार्य रूप से आधार की मांग नहीं कर सकती हैं.

चलिए आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले के बाद आधार की अनिवार्यता – कहां आधार कार्ड देना ज़रूरी है और कहां नहीं.

आधार की अनिवार्यता –

यहां ज़रूरी है आधार

  • पैन कार्ड बनाने के लिए.
  • आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए.
  • सरकार की लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए.

यहां जरूरी नहीं होगा आधार

  • सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि मोबाइल सिम के लिए कंपनी आपसे आधार नहीं मांग सकती.
  • बैंक भी अकाउंट खोलने के लिए आधार नंबर की मांग नहीं कर सकते हैं.
  • इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि स्कूल में ऐडमिशन के वक्त बच्चे का आधार नंबर नहीं मांग सकते.
  • सीबीएसई, नीट और यूजीसी की परीक्षाओं के लिए भी आधार जरूरी नहीं. बता दें कि इससे पहले इसके लिए आधार मांगा जा रहा था.
  • सीबीएसई, बोर्ड एग्जाम में शामिल होने के लिए छात्रों से आधार की मांग नहीं की जा सकती है.
  • 6-14 साल से कम के बच्चों के पास आधार नहीं होने पर उसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली जरूरी सेवाओं से वंचित नही किया जा सकता है.
  • टेलिकॉम कंपनियां, ई-कॉमर्स फर्म, प्राइवेट बैंक और अन्य इस तरह के संस्थान आधार की मांग नहीं कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आधार आम आदमी की पहचान बन चुका है. आधार कार्ड का डुप्‍लीकेट बनवाने का विकल्‍प नहीं. आधार कार्ड बिल्‍कुल सुरक्षित है. आधार की सुरक्षा के लिए कोर्ट ने केंद्र को डाटा प्रोटेक्‍शन पर कड़ा कानून बनाने की भी सलाह दी.

आधार की अनिवार्यता – कोर्ट के ताज़ा फैसले से लोगों की मुश्किलें काफी हद तक कम हो जाएगी, क्योंक अब तक हर छोटे-बड़े काम के लिए आधार नंबर ज़रूरी था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.