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IIM में भी बाज़ी मार रही लड़कियां, हर साल बढ़ रही कैट परीक्षा देने वाली लड़कियों की संख्या

आईआईएम

आईआईएम – वो ज़माना गया जब लड़कियों बस घर की चार दीवारी तक ही सीमित रहती थी और उनकी पढ़ाई का एक ही मकसद होता था शादी.

अब लड़कयां पहली प्राथमिकता करियर को दे रही हैं, तभ तो अब हर फील्ड में लड़कियां लड़कों को कड़ी टक्कर दे रही है. मुश्किल मानी जाने वाली मैनेजमेंट फील्ड में भी महिलाएं शीर्ष पद पर पहुंच रही हैं.

देश के सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले कैट परीक्षा में लड़कियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. बता दें 25 नवंबर 2018 को आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में देश भर की 84,350 छात्राओं ने इस परीक्षा में भाग लिया था और छात्राओं की यह संख्या 2017 की तुलना में 20 हजार ज्यादा है. 25 नवंबर 2018 को हुए आईआईएम के लिए होने वाले एंट्रेंस टेस्ट के आंकड़ो के मुताबिक पिछले छह सालों में महिला उम्मीद्वारों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आईआईएम के लिए होने वाले कॉमन एडमीशन टेस्ट के लिए इस बार देश भर से कुल 84,350 छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 2013 में यह संख्या 56,409 थी. CAT रजिस्ट्रेशन के डेटा में इसका खुलासा हुआ है कि साल 2017 में हुए रजिस्ट्रेशन में 50 प्रतिशत की वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान छात्राओं का ही रहा. बता दें पिछले साल की तुलना में इस बार 20 हजार अधिक छात्राओं ने CAT के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.

इस साल सीएटी के लिए कुल 2.41 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 2017 में यह संख्या 2.29 लाख थी. 25 नवंबर को हुए CAT में कुल 84,350 छात्राओं ने हिस्सा लिया, जबकि 2017 में इनकी संख्या 78,009 थी. 2015 से 17 के बीच छात्राओं की संख्या बढ़ी है.

इस दौरान आईआईएम के लिए CAT की परीक्षा देने वालों छात्राओं की संख्या 20 हजार बढ़ी. इसी के चलते आईआईएम ने छात्राओं और गैर-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले छात्रों के लिए सीट रिजर्व की है, ताकि कक्षाओं में विविधता आ सके और सभी को अपने सपने पूरे करने का मौका मिल सके. बता दें IIM Kozhikode ने साल 2013 में छात्राओं के लिए सीट रिजर्व की थी.

लड़कियों ने अपनी मेहनत से ये तो साबित कर दिया कि यदि उन्हें मौका दिया जाए तो वो हर चीज़ में आगे बढ़ सकती हैं, लेकिन हमारे देश में आज भी हर लड़की को लड़कों के बराबर मौका नहीं दिया जाता.