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कॉलेज में कैसे करें नॉन हिन्दी स्पीकिंग गर्ल को इम्प्रेस, चाहे वो कितनी ही कन्सर्वेटिव हो!

भारत हिन्दीभाषी देश हैं.

सेंकेंड लैग्वेज़ के तौर पर इंग्लिश है बेस्ट ऑप्शन.

अगर आपका दिल आ गया हैं किसी नॉन हिन्दी स्पीकिंग गर्ल पर तो लैंग्वेज उनता बड़ी बाधा नहीं है, क्योंकि गर ये एक स्टेट दूसरे स्टेट में पढ़ने आई हैं तो टूटी फूटी हिन्दी बोल और समझ लेती है.

कभी-कभी ये अपनी ही कम्युनिटी के लोगों को साथ मिक्स हो जाती है वजह सेम कल्चर और लैंग्वेज़.

ऐसे में इनकी साइकलॉजी को समझना बेहद जरुरी हैं. हम बताएंगे  क्या है सोच इन नॉन हिन्दी स्पीकिंग लड़कियों की रिलेशनशिप और लव के बारे में

मराठी मुुलगी

.  ये लड़कियां दूसरे स्टेट की लड़कियों की तुलना में थोड़ी शर्मिली होती हैं. इनके परिवार में ही इन्हें बचपन से ही सीरियस रहने के लिए कहा जाता है. किन्ही घरों में म्यूज़िक्स और डांस जैसी ट्रेनिंग लेने को प्रेरित किया जाता हैं. हालांकी आजकल मराठी लड़कियां भी बालों को लेकर एक्सपेरिमेंट करने लगी है. लेकिन ज्यादातर फ़ैमली में लड़कियों को बाल लंबे रखने और बांध कर रखने को कहा जाता हैं ,ऐसे में उनका मज़ाक बनाने की गलती बिल्कुल ना करें.

२.  मराठी लड़कियां दूसरे नॉन हिन्दी स्पीकिंग लड़कियों की तुलना में हिन्दी को अच्छी तरह बोल और  समझ सकती हैं क्योंकि मराठी और हिन्दी में देवनागरी फ़ोट का यूज़ किया जाता है.ज्यादातर शब्द हिन्दी से मिलते-जुलते हैं. ऐसे में ये मराठी से भी ज्यादा हिन्दी फ़िल्मों और गीतों की फ़ैन होती हैं.

३.  ज्यादातर मेक-अप से दूर रहना पसंद करती हैं, इनका कॉम्पलेक्शन गेहुंआ होता है, इनके रंग को फेयर लड़कियों से कम्पेयर करने की गलती बिल्कुल ना करें

४.  ये लड़कियां लड़को के लुक्स के बजाएं कैरेक्टर से इम्प्रेस होती है, कलर भी इनके लिए मायने नहीं रखता ओवर फ्लर्टी होने से बचेे.

५.  नॉनवेज बातें करने से भी बचे, वरना ये आप से हमेशा के लिए कन्नी काट सकती हैं

६.  ये काफी धार्मिक होती है.अगर आप फ़िल्म के बजाए किसी मंदिर में जाने के लिए कहेंगे तो आपकी इमेज़ अच्छी बनेगी.

७.  यू तो इन्हें पटाना थोड़ा टेड़ी खीर है लेकिन उतना मुश्किल भी नहीं ये एक बार आपकी हो गई  तो आपके लिए लॉयल रहेंगी चाहे आप एवरेज लुकिंग ही क्यों ना हों

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