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रूस में रहनेवाले इस शख्स के दिल में बस गए हैं भगवान शिव, सबकुछ छोड़कर बना शिवभक्त !

शिवभक्त बना ये रूसी नागरिक

शिवभक्त बना ये रूसी नागरिक – भगवान श्रीकृष्ण का नाम हमेशा राधा के साथ लिया जाता है लेकिन उनकी परम भक्त मीरा अपनी कृष्ण भक्ति के कारण सदा-सदा के लिए अमर हो गईं. मीरा की भक्ति का तो यह आलम था कि वो श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर पूरे संसार को भूला चुकी थीं.

आज के इस दौर में लोग भगवान की पूजा-अर्चना तो करते है लेकिन भगवान की भक्ति के लिए सबकुछ छोड़ने वाले बहुत कम लोग ही देखने को मिलते हैं. ये सच है, जो लोग परमात्मा के लिए अपनी आत्मा को समर्पित कर देते हैं उन्हें दुनिया जहान से कोई मतलब नहीं रहता.

आज हम आपको रूस के एक ऐसे नागरिक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके दिल में भगवान शिव की भक्ति ने इस तरह से घर कर लिया है कि वो सबकुछ छोड़छाड़ कर शिवभक्त बना ये रूसी नागरिक.

शिवभक्त बना ये रूसी नागरिक

दरअसल रूस में रहनेवाले ऐंड्रे ग्लागलोव पर शिवभक्ति का ऐसा खुमार चढ़ा कि उन्होंने शिवभक्त बनकर अपना जीवन बिताने का फैसला कर लिया. ऐंड्रे ने खुद को भगवान शिव के प्रति इस कदर समर्पित कर दिया है कि वो अब वापस अपने देश रूस नहीं लौटना चाहते और भारत में रहकर ही वो जीवन भर भगवान शिव की भक्ति करना चाहते हैं.

आपको बता दें कि ऐंड्रे ग्लागलोव कुछ समय पहले ही टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आए हैं और उन्हें कई मंदिरों के आसपास देखा जा सकता है, अब वो अपना सारा समय शिवभक्ति में ही बिताते हैं.

शिव के रंग में रंग चुके हैं ऐंड्रे

ऐंड्रे को देखकर आप इस बात का अंदाजा बेहद ही आसानी से लगा सकते हैं कि वो भगवान शिव के कितने बड़े भक्त हैं. तन पर शिव और पार्वती के प्रिंटवाली टीशर्ट पहनकर, हाथों में रुद्राक्ष धारण करके ऐंड्रे जब भी निकलते हैं लोग बस उन्हें ही देखते रहते हैं. ऐंड्रे भी लोगों की परवाह किए बहैर मंजीरा बजाते रहते हैं और उनके पास एक खास बक्सा भी होता है जिसमें वो दिए हुए दान को रख लेते हैं.

कुछ समय पहले ही ऐंड्रे को ओडिशा के पुरी देखा गया है और उससे पहले वो वृंदावन के मंदिरों में भी घूमकर आए हैं. ऐंड्रे को जगन्नाथ मंदिर के सामने, उनके बक्से और मंजीरा के साथ देखा जा सकता है. ऐंड्रे के मुताबिक फिलहाल वो एक रैन बसेरे में रह रहे हैं. ऐंड्रे अपने साथ जो बक्सा लेकर चलते हैं उसमें भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा लगी हुई है.

बहरहाल ऐंड्रे भगवान शिव की भक्ति में इस तरह से रम गए हैं कि वो भारत छोड़कर वापस रूस नहीं लौटना चाहते और वो भारत में रहकर शिव की भक्ति में ही अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं.