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जाधव की फांसी पर लटक सकती है नवाज की सरकार !

जाधव की फांसी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी नवाज सरकार के गले की हड्डी बनती जा रही है.

पाकिस्तान में लोगों को आंशका है कि कहीं कुलभूषण जाधव की फांसी के मुद्दे पर सेना नवाज सरकार की ही बलि न लेले. क्योंकि जाधव की फांसी को लेकर पाक सेना और नवाज सरकार में तकरार तेज हो गई है.

गौरतलब है कि जब से जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने स्टे लगाया है उसके बाद से पाकिस्तान में सेना और सत्ता के गलियारों में इसको लेकर सरगर्मी बढ़ गई हैं.

पाक सेना को लग रहा है कि मामला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाने के बाद उसकी किरकिरी होना तय है.

दूसरे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में प्रतिनिधित्व सेना के बजाय सरकार को करना है. यही कारण है कि पाक सेना नवाज सरकार पर जाधव की फांसी के मामले में न झुकने का दबाव बना रही है. पाक सेना को आंशका है कि जिस प्रकार भारतीय उद्योगपति सज्जन जिंदल के नवाज से अच्छे व्यापारिक रिश्तें हैं और वे अभी हाल ही में पाकिस्तान भी आए थे.

उनकी इस यात्रा को पाक मीडिया ने कुलभूषण की फांसी से जोड़कर देखा था. उसको देखते हुए नवाज जिंदल से कुलभूषण को लेकर कोई व्यापारिक समझौते के दवाब में आकर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण के केस की कमजोर पैरवी कर सकते हैं.

क्योंकि एक तो ये केस कानूनी ग्राउंड पर पहले से ही कमजोर है. वहीं ईरान ने भी कुलभूषण को लेकर पाकिस्तान से मांग की है कि वह भी इस मामले की जांच करना चाहता है. इसके लिए ईरान को उससे पूछताछ करनी होगी.

इसी सिलसिले में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत यानी के आदेश पर चर्चा की.

इसी बीच, पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि वह कुलभूषण जाधव की मौत की सजा के मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. बताया जा रहा है कि बाजवा और नवाज में ये मुलाकात करीब 90 मिनट तक चली और इस दौरान शरीफ ने जाधव के मामले के संदर्भ में ताजा हालात पर जानकारी दी.

ज्ञात हो कि भारतीय नागरिक जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले महीने मौत की सजा सुनाई गई थी.

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रूख करते हुए आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में विएना संधि का उल्लंघन किया है.