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दुनिया का एक इकलौता क्रिकेटर जिसे मिली थी फांसी की सज़ा !

क्रिकेट की दुनिया में अगर क्रिकेटरों को नाम और शोहरत मिलती है तो इसी दुनिया में किसी अपराध को अंजाम देनेवाले क्रिकेटर को जेल ही हवा भी खानी पड़ जाती है.

हालांकि क्रिकेट की दुनिया में अपराध और गैरकानूनी कामों के कई किस्से भी सुनने को मिले हैं लेकिन अलग-अलग अपराधों को अंजाम देनेवाले क्रिकेटरों को सिर्फ जेल ही हवा ही खानी पड़ी है.

लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी क्रिकेटर को फांसी की सज़ा दी गई हो. भले ही आपने अब तक इस तरह की कोई भी खबर नहीं सुनी हो, लेकिन आज हम आपको क्रिकेट के इतिहास के पन्नों में दर्ज एक ऐसे क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे फांसी की सज़ा सुनाई गई थी और वो फांसी की सज़ा पानेवाला दुनिया का इकलौता क्रिकेटर बन गया.

वेस्टइंडीज़ टीम के क्रिकेटर थे लेस्ली हिल्टन

वेस्टइंडीज़ टीम के क्रिकेटर लेस्ली हिल्टन ही दुनिया के इकलौते ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जिन्हें अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में फांसी की सज़ा दी गई थी. लेस्ली हिल्टन वेस्टइंडीज़ टीम के फास्ट बॉलर थे.

खबरों के मुताबिक लेस्ली ने साल 1935 इंग्लैंड के खिलाफ बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान पर डेब्यू किया था. बारिश के कारण पिच गिली थी. वेस्टइंडीज़ को पहले बैटिंग करनी पड़ी और वह सिर्फ 102 रन बना पाई. जवाब में मैनी मार्टिनडेल और हिल्टन ने तीन विकेट जल्दी निकालकर इंग्लैंड की हालत खस्ता कर दी. उनके 81 रन पर 7 विकेट गिर चुके थे और अंग्रेजों ने पारी डिक्लेयर कर दी.

लेस्ली हिल्टन ने वेस्टइंडीज़ की तरफ से साल 1935 से 1939 के बीच अपने देश के लिए 6 टेस्ट मैच खेले और 19 विकेट चटकाए, उस दौरान उनका एवरेज 26.12 था.

हिल्टन ने लर्लिन रोज़ से की थी शादी

बताया जाता है कि इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने के बाद लेस्ली हिल्टन की मुलाकात जमैका के एक पुलिस अधिकारी की बेटी लर्लिन रोज़ से हुई. दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया और कुछ साल बाद साल 1942 में दोनों ने शादी कर ली. शादी के पांच साल बाद हिल्टन और लर्लिन एक बेटे के पैरेंट्स बन गए.

लेकिन दोनों की शादीशुदा जिंदगी में साल 1954 से कड़वाहट आने लगी. अपने ड्रेसमेकिंग बिजनेस का बहाना बनाकर लर्लिन अक्सर न्यूयॉर्क जाने लगीं. इसी साल अप्रैल महीने में एक दिन हिल्टन को एक गुमनाम खत मिला. जिसमें लिखा था कि उनकी पत्नी लर्लिन का ब्रूकलीन एवेन्यू में रहने वाले रॉय फ्रांसिस से नाजायज़ संबंध है.

उस गुमनाम खत को पढ़कर हिल्टन बेचैन हो उठे और उन्होंने तुरंत अपनी पत्नी को टेलीग्राम करके घर बुलाया. हालांकि लर्लिन ने घर आने में थोड़ी टालमटोल ज़रूर की लेकिन वो लौट आईं और अपने ऊपर लगे इस आरोप को बेबुनियाद बताया. लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वो रॉय फ्रांसिस को जानती ज़रूर हैं.

पत्नी की बेवफाई ने बना दिया कातिल

बताया जाता है कि पत्नी द्वारा दी गई इस सफाई के कुछ ही दिन बाद उन्हें वो सारे खत मिल गए जो उनकी पत्नी लर्लिन ने फ्रांसिस को भेजे थे. इन खतों को देखकर बौखलाए हिल्टन ने रात में अपनी पत्नी को जगाया और इस बात को लेकर दोनों में खूब बहस हुई.

आखिरकार लर्लिन ने इस बात को स्वीकार कर लिया कि उनका फ्रांसिस के साथ नाजायज़ रिश्ता है. इतना ही नहीं लर्लिन ने हिल्टन से कहा कि वो उसके क्लास के नहीं हैं. लर्लिन ने कहा कि तुमने मुझे कभी खुश नहीं रखा और तुम्हें देखकर ही मैं बीमार हो जाती हूं.

पत्नी की इन बातों को सुनकर हिल्टन गुस्से से पागल हो चुके थे और उन्होंने बेवफाई करनेवाली अपनी पत्नी पर गोली चला दी. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान हिल्टन ने अपने बचाव में कहा था कि वो खुद को गोली मारना चाहते थे, लेकिन गलती से गोली उनकी पत्नी को लग गई. हालांकि कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया क्योंकि लर्लिन के शरीर में 7 गोलियां लगी थीं.

गौरतलब है कि पत्नी की बेवफाई ने हिल्टन को एक क्रिकेटर से हत्यारा बना दिया था. इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 20 अक्टूबर 1954 को हिल्टन को दोषी करार दिया और 17 मई 1955 को उन्हें फांसी दे दी गई.