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पापा के ऑफ़िस में काम करना करियर का सबसे ग़लत फ़ैसला हो सकता है!

हमारे देश में चलन है कि अगर पापा का बिज़नेस है तो बच्चे बड़े हो कर वहीं काम करेंगे, उसी बिज़नेस को आगे बढ़ाएँगे|

परिवार के नज़रिये को समझें तो ये अच्छा ही है क्योंकि बच्चे एक सुरक्षित माहौल में काम कर सकते हैं, ज़्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता उन्हें और ज़िन्दगी थोड़ी आसान हो जाती है|

लेकिन क्या ये उनके विकास के लिए सही क़दम है? क्या उनके करियर में काम आएगा यह फ़ैसला?

नहीं!

आईये बताता हूँ कि पापा के ऑफ़िस में काम करना क्या नुक्सानदेह  हो सकता है:

1) आसानी का काम

चाहे गल्ले पर बैठना हो या ऑफ़िस में कर्मचारियों पर हुक़्म चलाना हो, सब कुछ आसानी से मिल जाता है| बहुत ही कम ऐसे बिज़नेसमैन हैं जो अपने बच्चों और कर्मचारियों में कोई भेद-भाव नहीं करते और अपने बच्चों को भी उन्हीं मुश्किलों से गुज़रने का मौका देते हैं जो उन्हें एक बेहतर इंसान बना सकें और साथ ही साथ काम की वो बारीकियाँ भी समझा सकें जो धक्के खा कर ही समझ आती हैं!

2) सही फ़ीडबैक

अगर आप मालिक के बच्चे हैं तो सिवाए आपके पिता के, कोई भी आपके काम के बारे में आपको सच्चा और सही फ़ीडबैक नहीं देगा! आपकी इज़्ज़त से ज़्यादा आपका ख़ौफ़ होगा लोगों में! और काम कैसे और कहाँ तक सीखना है, सब आप पर निर्भर करेगा! अगर आप में सो समझदारी ख़ुद ना हुई तो कभी भी काम को उस गूढ़ता से नहीं समझ पाएँगे जितनी ज़रुरत है!

3) असली सीख़

जिस ऑफ़िस या काम की जगह पर आपको कोई नहीं जानता, वहाँ आपको ख़ुद को जानने का मौका मिलता है| अपनी कमियों पर काम कर पाते हैं आप और सीखने के लिए हज़ारों चीज़ें होती हैं| लेकिन अगर सब कुछ बैठे-बैठे आसानी से अपने घर के व्यापार में मिल जाए तो बस उतना ही सीखेंगे जितना सिखाया जाएगा, बाकी आपको ज़रुरत पड़ी तो ठीक, वरना काम तो चल ही जाता है!

4) हक़ीक़त से परे

चूंकि सब आपको मालिक का बच्चा समझ कर प्यार और इज़्ज़त देंगे, व्यापार की हक़ीक़त से आपको अवगत करवाने वाले कम ही लोग होंगे! उन्हीं मुश्किलों के बारे में आपको बताया जाएगा जो आप संभाल सकें बजाये इसके कि आपको ख़ुद हर तरह की मुश्किल का सामना करने दिया जाए|

5) रिश्तों में खाई

भले ही आप बाकी इम्प्लॉईज़ के साथ बैठ के खाना खाएँ या गप्पें मारें, वो बॉस और कर्मचारी वाला फ़र्क हमेशा रहेगा! आज के ज़माने में ज़रूरी है कि टीमवर्क पक्का हो तभी कोई भी काम सफ़ल हो सकता है| लेकिन अगर दूसरे इम्प्लॉईज़ को लगा कि आप उन में से एक नहीं हैं बल्कि आप उनके साथ सिर्फ़ इसलिए हैं क्योंकि बॉस के बच्चे हैं तो एक दूरी हमेशा बनी रहेगी! अब आप यह दूरी मिटा सकते हैं या नहीं, ये आप पर ही निर्भर करेगा!

देखिये घर का व्यापार संभालने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि अच्छा है कि आप उसे नयी ऊंचाईयों तक ले जाएँ! पर उस से भी ज़्यादा जरूरी है कि पहले कहीं और काम करके अपने आप को व्यापर संभालने लायक बना लें! घर के सुरक्षित माहौल में रह कर वो सब नहीं सीख पाएँगे जो बाहर काम करके कुछ ही दिनों में आपको लोहे से सोना बना देगा!

एक बार कोशिश करके देखिये, नहीं जमा तो पापा का ऑफ़िस तो है ही!

Nitish Bakshi

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Nitish Bakshi

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