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आखिर क्यों कुछ महिलाएं शुक्रवार को खट्टा नहीं खातीं ?

शुक्रवार को खट्टा – भारतीय महिलाएं बहुत पूजा पाठ करती हैं. जो इन सब को मानती हैं वो विधि विधान से इसका पालन करती हैं. आमतौर पर आपने भी अपने आसपास देखा होगा कि हफ्ते के एक दिन आपके घर की महिलाएं शुक्रवार को खट्टा नहीं खाती, क्या कभी आपने सोचा की ऐसा क्यों है? असल में एक बड़ी वजह है जिसके कारण महिलाएं एक दिन खट्टा नहीं खातीं.

हमारे देश में लड़कियां और महिलाएं न जाने कितने व्रत रखती हैं. वो अपने घर-परिवार को खुश देखने के लिए बहुत कुछ करती हैं. दिनभर घर में काम करने के बाद और ऑफिस का बोझ संभालने के बाद ये महिलाएं इस तरह का व्रत रखती हैं. महिलाए अक्सर ये सोचती हैं की उनके व्रत रखने से सबकुछ बहुत अच्छा हो जाएगा.

उनके मन में एक बता घर कर गई है कि अगर कुछ अच्छा हो सकता है तो वो है भगवान् की आराधना करने से.

बहुत पहले हमारी देवियाँ भी अपने आराध्य की पूजा करती थीं और मन चाहा वरदान प्राप्त करती थीं. उसी का अनुकरण करते हुए आजकल की महिलाएं भी ऐसा करती हैं. महिलाएं चाहें कितनी मॉडर्न क्यों न हो जाएं लेकिन उपवास करना नहीं छोडती. अक्सर आपने भी ये महसूस किया होगा की आपके साथ काम करने वाली महिला हफ्ते के एक दिन आपकी टिफिन शेयर नहीं करती, वो सिर्फ अपना लाया हुआ खाना ही खाती है. अकहिर ऐसा  क्या हो जाता है उस एक दिन में.

दरअसल वो एक दिन फ्राइडे होता है. महिलाएं शुक्रवार को ही खट्टा नहीं खाती हैं. वो इसलिए क्योंकि उस दिन वो माता संतोषी का व्रत रखती हैं. इस दिन वो खट्टा नहीं खाती हैं. महिलाएं इस दिन टमाटर भी नहीं खाती हैं. वो घर की सब्जियों में ऐसा कुछ नहीं मिलाती जिसमें खट्टापन हो. लड़कियां इस दिन बाहर का भी कुछ नहीं खाती. वो ऑफिस में किसी की टिफ़िन नहीं शेयर करती.

ऐसे होती है पूजा

शुक्रवार के दिन व्रत रखने वाले को सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करनी चाहिए. नहाने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद घर के मंदिर में संतोषी माता की प्रतिमा स्थापित करें. फिर उनकी प्रतिमा के सामने किसी पात्र में जल भरकर रख दें, साथ ही चने और गुड़ को भी रखें. पूजा और आरती के बाद इस चने और गुड़ को प्रसाद के रूप में बांट दें. पात्र में रखें जल को सारे घर में छिड़क दें. बचे हुए पानी को तुलसी के गमले में अर्पित कर दें. ज्योतिषियों का कहना है कि जिस घर का कोई सदस्य व्रती है उस दिन घर के किसी सदस्य को मदिरा पान नहीं करना चाहिए.  इस दिन ऐसा करना अशुभ माना जाता है. माना जाता है कि व्रत करने वाले पर माता संतोषी मां की कृपा आती है.  व्रत रखने वाले की मनोकामना पूरी होती है तो वहीं कुंवारो को योग्य जीवनसाथी मिल सकता है.

इसलिए महिलाएँ शुक्रवार को खट्टा नहीं खाती – महिलाएं ऑफिस जाने से पहले ये कर लेती हैं. इस दिन वो बहुत जल्दी उठती हैं और पूजा सही तरह से करती हैं. इस पूजा में महिलाओं का ब्वाहुत विश्वास होता है, इसलिए वो इसे किसी भी तरह से खंडित नहीं होने देना चाहतीं.

कुंवारी लड़कियों को ये पूजा करने से मन चाहा वरदान मिलता है. तो देर किस बात की शुरू हो जाइए इसी शुक्रवार से.