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अपने तीन छोटे बच्चे को आतंकी बनाना चाहती थी यह महिला, कारण बहुत हैरान करने वाला है

महिला जो बच्चों को आतंकी बनाना चाहती थी

महिला जो बच्चों को आतंकी बनाना चाहती थी – एक मां हमेशा ही अपने बच्चों का भला चाहती हैं।

बुरे कामों को करने वाले माता पिता भी नहीं चाहते कि उनकी औलाद उनकी तरह बुरा इंसान बने बल्कि पढ़ा लिखाकर एक अच्छा इंसान बनने की चाहत होती है। अमेरिका की एक महिला ऐसी हैं कि एक समय था कि वो चाहती थी कि उनके बच्चे बड़े होकर आतंकी बने।

यह बात शायद हजम न हो लेकिन सोचिए कि ऐसे क्या कारण रहे होगे कि महिला जो बच्चों को आतंकी बनाना चाहती थी।

महिला जो बच्चों को आतंकी बनाना चाहती थी –

महिला जो बच्चों को आतंकी बनाना चाहती थी

अमेरिका में रहने वाली अमेरिकी-ब्रिटिश मूल की तानिया ज्योर्गेलास ऐसी ही महिला हैं।

इस महिला के पास साल 2013 में तीन बच्चे थे। तब वह खुद और इन तीन बच्चों को लेकर सीरिया इसलिए चली गई ताकि वह वह और उसके बच्चे आतंकी बन सके।

तानिया के साथ बचपन से ही नस्लीय भेदभाव किया जाता था। अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद लोगों का बर्ताव तानिया के परिवार के प्रति और ज्यादा बेकार हो गया। वह इतना तंग आ चुकी थी कि वह इसका बदला लेना चाहती थी लेकिन वह कुछ नहीं कर सकती थी।

तभी तानिया के साथ एक ऐसी घटना हुई जिसके बाद उसके आतंकी बनने का रास्ता साफ हो गया। जब अमेरिका ने इराक पर हमला किया तो इसका विरोध खुद अमेरिका में होने लगा। ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन में तानिया भी शामिल हुई। इसमें उसे एक पर्चा दिया गया। वैसे तो यह पर्चा डेटिंग साईट का था लेकिन इससे तानिया का जीवन ही बदल दिया।

महिला जो बच्चों को आतंकी बनाना चाहती थी

इस डेटिंग साईट पर तानिया की मुलाकात जॉन ज्योर्गेलास से हुई। दोनों के अंदर इतना गुस्सा था कि दोनों अपनी हर डेट पर आतंक और जिहाद की ही बाते करते थे। आतंक और जिहाद की बाते करते हुए उन्हें एक दूसरे से प्यार हो गया। बाद में दोनों ने शादी कर ली।

साल 2013 तक दोनों के तीन बच्चे हो चुके थे और चौथा तानिया के पेट में था। तभी दोनों से सीरिया जाने का फैसला किया और सीरिया भाग गए। तानिया ने अपने एक इंटरव्यू में कहा भी हैं कि वह उस वक्त अपने बच्चे को खूंखार आतंकी बनाना चाहती थी।

ऐसे हुई सामान्य जिंदगी मे वापसी-

सीरिया में जिस जगह पर तानिया और उनके बच्चों को ठहराया गया वहां न तो हवा आ सकती थी न ही रौशनी। ऐसे में उन्हें बहुत दिक्कत होने लगी। तानिया और उनके बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। इसके बाद तानिया ने वापस जाने का फैसला किया।

जॉन उस वक्त तक आईएस का एक बड़ा कमांडर बन चुका था। जॉन ने तानिया के पेट में पल रहे अपने बच्चे के बारे मे सोचा और फिर उसको वापस जाने की इजाजत दे दी। जिसके बाद जॉन के परिवार वालों की मदद से तानिया अमेरिका वापस पहुंच पाई।

इस तरह तानिया की जिंदगी वापस पटरी पर लौटी हैं और अब वह लोगों को जिहाद में न शामिल होने के लिए कार्य कर रही हैं।