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आखिर ISIS, इस्लाम को क्यों कर रहा है कलंकित?

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‘ISIS’, कई लोग इसे एक आतंकी संगठन का नाम देते हैं और कई इसे इस्लाम और इंसानियत के लिए अच्छा मानते हैं, लेकिन जब मैं हाल ही में ISIS द्वारा बनाए विडियो देख रहा था जिसमें वे उनके खिलाफ आवाज़ उठानेवालों के सिर काट रहे थे तो मुझे लगा कि आखिर यह संगठन इंसानियत के लिए अच्छा कैसे हो सकता है?

और तो और, जो मुसलमान व्यक्ति इस संगठन के सदस्य हैं और जो लोग ISIS को अच्छा मानते हैं, मुझे लगता है कि वे गलतफहमी में जी रहे हैं.

जब हिन्दुस्तान के मुसलमान कहते हैं कि वे ISIS में विश्वास नहीं रखते और मानते हैं कि ISIS और कुछ नहीं, केवल आतंकवाद फैला रहा है और इस्लाम का नाम खराब कर रहा है, तब मैं एक असमंजस में पड जाता हूँ.

मेरे दिमाग में तरह-तरह के सवाल ऐसी उधम मचाते है कि पूछिए मत!

सवाल ये हैं कि, “क्या ISIS एक अलग तरह के इस्लाम में विश्वास रखता है?” और “आखिर ISIS इस्लाम का नाम मिट्टी में क्यों मिला रहा है?”

मुझे पता है कि आप लोग कहेंगे कि RSS भी कुछ हद तक हिंदुत्व को बुरा नाम दे रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि ऐसी बात बिलकुल नहीं है, किस RSS नेता ने धर्म के नाम पर किसी का सिर कलंक किया है?

है कोई जवाब?

नहीं! और हिन्दुस्तान में ऐसा कोई राजनैतिक दल भी नहीं इस्लाम को बुरा नाम दे रहा है.

आखिर क्यों इस प्रकार के सभी दंगे सिर्फ और सिर्फ मध्य पूर्व के और अफ्रीका के उत्तरी देशों में होते हैं?

न जाने ये लोग दुनिया को क्या दिखाना चाहते हैं?

ज़ाकिर नाइक, जिन्हें लगता है कि वे सभी धर्मों के बारे में सब कुछ जानते हैं, वे यह कहते हैं कि इस्लाम दुनिया का सबसे अच्छा और पावन धर्म है. तो मिस्टर ज़ाकिर नाइक, मैं आपसे पूछता हूँ कि ISIS कहता है कि वह इस्लाम के नक्शेकदम पर चल रहा है, तो क्या ISIS जो कर रहा है, अल्लाह को वे चीज़ें बहुत प्यारी लग रही हैं?

कोई जवाब है तो दीजिये!

रहने दीजिये, कोई जवाब देने की ज़रुरत नहीं है, वरना मिस्टर ज़ाकिर नाइक, किसी और चीज़ के बारे में बात करते-करते मुझे उन चीज़ों में घुमा देंगे, ये उनकी आदत जो ठहरी!

अभी कुछ दिनों पहले, अबू बकर अल-बघदादी ने कहा था कि ‘मुसलामानों का धर्म है ‘युद्ध’ करना और इस्लाम ‘युद्ध’ का धर्म है’.

ISIS जो कर रहा है उससे अबू बकर की यह बात सिद्ध हो जाती है.

लेकिन नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है. इस्लाम एक शान्ति प्रेमी धर्म है. मैं इस्लाम की वकालत नहीं कर रहा, मुझे जो लगता है, मैं कह रहा हूँ.

खैर मेरे कहने से कुछ नहीं होगा. जैसा की हम सभी जानते हैं कि ISIS के पंजे अब हिन्दुस्तान तक पहुँच चुके हैं. इंसान की फितरत होती है कि वह हर एक चीज़ के दो पहलू ढूंढ लेता है. मुझे लगता है कि ISIS से जुड़े लोग दूसरे पहलू पर ज़्यादा विश्वास रखते हैं.

ISIS द्वारा मारे गए सभी लोगों की आत्मा को शान्ति मिले और जिन्होंने उन लोगों को मारा है, उनका मालिक तो खुद अल्लाह है.

देखते हैं अल्लाह उनका क्या करता है? उन्हें शाबाशी देगा या फिर कुछ और……

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