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आखिर कौन था द्रौपदी चीरहरण का मास्टर माइंड ! चीरहरण की सिलसिलेवार पूरी कहानी

द्रौपदी चीरहरण

महाभारत का युद्ध तब तक थमा हुआ था जब तब कि चीरहरण वाली घटना नहीं हुई थी.

उसके बाद तो जैसे कि इस घटना ने आग में घी डाल दिया था. लेकिन यहाँ पूरी तरह से अगर कौरवों को जिम्मेदार ठहराया जाए तो सही नहीं रहेगा.

क्योकि इस घटना के पीछे पांडवों का हाथ भी था. इनको भी पता था कि आज हम जीत नहीं रहे हैं ना जानें फिर भी क्यों पढ़े लिखे और सभ्य लोगों ने अपनी पत्नी को दांव में लगा दिया था.

किन्तु द्रौपदी चीरहरण के पीछे असली दिमाग किसका था?

वह मास्टर माइंड कौन था जो कौरवों को विनाश की तरफ ले जा रहा था?

तो आइये जानते हैं कि कौन था वो मास्टर माइंड

दुर्योधन का मामा शकुनी उसको द्रौपदी द्वारा किया गया सारा अपमान याद दिला रहा था. जैसे-जैसे मामा याद दिलाता था दुर्योधन आग बबूला हो रहा था. लेकिन शकुनी ऐसा क्यों कर रहा था?

तो इसके पीछे की कहानी यह है कि मामा शकुनी ने तब कौरवों को खत्म करने की कसम खाई थी तब जब भीष्म ने उसकी बहन का विवाह एक अंधे राजा से करा दिया था. शकुनी तब तो कुछ बोल नहीं पाया था किन्तु उसने तब कसम खाई थी कि वह कौरवों का वंश ख़त्म कर देगा.

यह जानता था कि अगर द्रौपदी चीरहरण हो जाये तो यह युद्ध हर हालत में होकर रहेगा.

इसलिए जब पांडव द्रौपदी को हारे तो शकुनी द्रोपदी को जल्दी सभा में लाने के लिए भड़का रहा था. साथ ही साथ जो इसके आगे हुआ था उसमें भी शकुनी का बड़ा हाथ था.

क्या हुआ था तब

सबसे पहले पांडवों में सबसे बड़े भाई से जुए में रखने के लिए कोई चीज पूछी गयी. लेकिन एक हारा हुआ व्यक्ति भला क्या और हार सकता था. कुछ भी पास न होने की हालत में युधिष्ठिर अपनी पत्नी द्रौपदी पर दांव लगा देता है. पांडव अपनी पत्नी को हार जाते हैं. और कौरव द्रौपदी को लाने के लिए अपना एक सेवक भेजता है.

द्रौपदी को जब यह खबर पता चलती है तो वह सबसे पहले दो सवाल सभा के लोगों से पूछने के लिए सेवक को वापस भेजती हैं.

पहला सवाल युधिष्ठिर से था कि वह किसको पहले हारे हैं, खुद को या मुझको? इसका जवाब वह कुछ नहीं दे पाते हैं.

दूसरा सवाल कौरवों से था कि द्रौपदी को क्या करना चाहिए? मतलब कि यह सवाल भीष्म जैसे लोगों से पूछा गया था. यहाँ भी कोई कुछ नहीं बोल पाया था.

इसके बाद दुर्योधन ने क्रोध में दु:शासन को द्रौपदी को लाने के लिए भेज दिया था.

द्रौपदी जब सभा में आई थी जब क्या हुआ था उसकी बातचीत करना सही नहीं रहेगा. एक महिला की इज्जत तार-तार कर दी गयी थी.

किन्तु बाद में महाभारत युद्ध की बड़ी वजह द्रौपदी चीरहरण भी रहा था.

इस घटना में कृष्ण की भूमिका को भी कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है.