Categories: विशेष

आज के युवा किन्हें बनाएं अपना आदर्श?

आज के युवा किन्हें बनाए अपने आदर्श? यह सवाल सभी के मन में चलता रहता है.

खासकर युवाओं के माता-पिता के मन में. सन 1947 से पहले सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गाँधी और भगत सिंह जैसे स्वतंत्र सेनानियों को उस समय के युवा अपने आदर्श मानते थे. उसके बाद शे ग्वेरा जैसे महान क्रांतिकारी को युवा अपना आदर्श बनाने लगे.

भारतीय उद्योगपतियों ने भी भारत के युवाओं पर अपनी छाप छोड़ी. आज की युवा पीढ़ी को ऐसे लोगों को अपना आदर्श बनाना चाहिए जो समाज के नकारात्मक पहलुओं के बंधन में बिलकुल नहीं फंसे और जिन्होंने अपने दिल की सुनी और लोगों की जिंदगियां बदल डाली.

यह सूची उन लोगों की है, जिन्हें आज के युवाओं को अपना आदर्श बनाना चाहिए.

1. कैलाश सत्यार्थी.
1980 में बचपन बचाओ आन्दोलन की शुरुआत करने के बाद कैलाश सत्यार्थी ने 144 देशों के 83,000 बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य किए हैं. उन्हें सन 2014 में नोबेल शान्ति पुरास्कार से सम्मानित किया गया.

2. सचिन तेंदुलकर.
इस देश का बच्चा-बच्चा इस महान शख्स को जानता है. केवल इस देश का नहीं, बल्कि पडोसी मुल्क का बच्चा-बच्चा भी इन्हें जानता है. क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ी ने कड़ी मेहनत और लगन से इस मुकाम की प्राप्ति की है.

3. मार्क ज़कर्बर्ग.
फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़कर्बर्ग सारी दुनिया के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. उन्होंने खुद पर विश्वास रखा और इन्टरनेट पर मौजूद सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साईट, फेसबुक की स्थापना की.

4. मलाला यूसफ्ज़ाई.
तालिबान के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली, 17 साल की इस लड़की ने सारी दुनिया को निडरता का सही मतलब सिखाया. मलाला के ऊपर हमले भी हुए, लेकिन बंदूक से निकली गोली इनकी हिम्मत और आत्मविश्वास को नहीं भेद पाई.

5. इंद्रा नूयी.
चेन्नई में पैदा हुई इंद्रा नूयी ने, कड़ी लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की और PEPSICO कंपनी की चेयरपर्सन और सी.इ.ओ बन गईं.

6. महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय टीम को 20-20 विश्व कप जिताने में, एक दिवसीय विश्व कप जिताने में और टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष तक पहुंचाने में महेंद्र सिंह धोनी, यानी कप्तान कूल का बहुत बड़ा योगदान रहा है. एक गरीब परिवार में पैदा होनेवाले महेंद्र सिंह धोनी ने बहुत मेहनत कर, क्रिकेट के इस खेल में एकाग्रता का शानदार प्रदर्शन दिखाया और विश्व के सबसे सफल कप्तानों में शामिल हो गए.

7. नरेंद्र मोदी.
किसने सोचा था कि 6 साल की उम्र में गुजरात के वडनगर स्टेशन पर चाय बेचनेवाला लड़का एक दिन भारत का प्रधान मंत्री बनेगा? आज के युवाओं के लिए यह शायद मेहनत और हिम्मत का बेजोड़ नमूना है.

यह बात बहुत ज़रूरी है कि आज के युवा किसे अपना आदर्श माने. एक बात है कि आप अपने तरीके से मुश्किलों का सामना करें लेकिन सही आदर्श चुनना ज़रूरी है.

 

Durgesh Dwivedi

Share
Published by
Durgesh Dwivedi

Recent Posts

दिल्ली दंगे: कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां दंगे वाली जगह खजूरी ख़ास में आखिर क्या कर रही थीं?

दिल्ली हिंसा में अभी तक 42 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 300 से ज्यादा…

4 years ago

नयी भाषा सिखने के ५ सरल तरीके बजट में बना सकते है अगली यात्रा स्वर्णीय

किसी तरह की विदेश यात्रा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत शोभायमान होता हैI विशेषकर…

4 years ago

सेल्फी लेने की आदत को कह देंगे अलविदा, जब जानेंगे इसकी साइड इफेक्ट्स !

आज कल सेल्फी लेने का ट्रेंड काफी ज़ोरों पर है. अगर आप भी सेल्फी लेने…

5 years ago

शादी के बाद इन बातों को किया नज़रअंदाज़, तो हो जाएंगे मोटापे के शिकार !

मोटापा किसी को भी अच्छा नहीं लगता... लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि शादी…

5 years ago