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क्या लगता है आपको, कौन सही मुख्यमंत्री केजरीवाल या योगेन्द्र यादव ?

Yogendra Yadav - Arvind Kejriwal

आम आदमी पार्टी को जनता ने अपार बहुमत से दिल्ली की विधानसभा में जीता कर भेजा.

सभी दिल्लीवासियों को उम्मीद थी की अब आम आदमी पार्टी हमारे अच्छे दिन लेकर आने वाली है.

फ्री वाईफाई मिलना था, बिजली सस्ती होनी थी, पानी फ्री मिलना था, महिलाओं के लिए सुरक्षा होनी थी, दिल्ली को बनाना था पैरिस और आज दिल्ली बन गयी युद्ध का मैदान.

Delhi Janata waiting for water tanker

Delhi Janata waiting for water tanker

आप अगर थोड़ा ध्यान से तस्वीर साफ़ करेंगे, तो आपको नज़र आएगा कि पार्टी जबसे जीतकर आई है, उसके कुछ दिनों बाद से ही आपसी कलह नजर आ रही है. अब ऐसे में हम तो यही समझ सकते हैं कि आप अब जब मुद्दों को पूरा नहीं कर पा रही है तो वह लोगों का ध्यान मुद्दों से हटाकर, उनका मात्र मनोरंजन ही कर रही है.

कभी दूसरों के स्टिंग करने वाले आज खुद ही स्टिंगों के जाल में फंस चुके है. एक के बाद एक स्टिंग, मुख्यमंत्री जी का स्टिंग और तो और एक बड़े अखबार ने आप के नेता कुमार जी के चरित्र पर कुछ प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं.

पार्टी के मुख्य नेता प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को पार्टी से निकाल दिया है. दोनों वैसे कुछ गलत तो चाहते नहीं थे, मांग सिर्फ इतनी थी कि पार्टी को आरटीआई के दायरे में आना चाहिए. अन्य राज्यों में भी चुनाव लड़ना चाइये. पार्टी में वह और ज्यादा पारदर्शिता ही लाना चाहते थे.

Prashant Bhushan

Prashant Bhushan

सवाल यह है कि मुख्य्मंत्री जी तो हमेशा साफ़ राजनीति की बात करते है तो ऐसे में योगेन्द्र यादव जी की बातें मानने में दिक्कत क्या है? क्यों पार्टी को आरटीआई के दायरे में नहीं लाया जा रहा है?

क्या केजरीवाल जी अब तानाशाह हो गये हैं? योगेन्द्र जी की चुनाव में जब जरूरत थी तब तो इनकी राय पर अमल किया गया और जीत के बाद इतना बड़ा अपमान क्यों किया जा रहा है?

या योगेन्द्र यादव जी इन दिनों लंका को बर्बाद कर रहे हैं? योगेन्द्र जी को क्या थोड़ा इंतज़ार नहीं करना चाइये था? पार्टी जब दिल्ली की जनता के लिए काम करना चाहती है, तब क्या अभी पार्टी में कलह पैदा करवाना जरूरी था? क्योकि कहीं ना कहीं अभी मुख्यमंत्री जी जनता के दिलों पर राज ही कर रहे थे और वर्तमान हालात पार्टी की छवि को खराब ही कर रहे हैं.

फैसला जनता को करना है कि दोनों में से कौन सही है, केजरीवाल जी या योगेन्द्र यादव जी?

आपकी राय का इंतज़ार रहेगा.

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