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जब दिल्ली जल रही थी तो गृहमंत्री अमित शाह कहाँ थे, सामने आ गया है इस बात का सच, सभी नेताओं की हुई बोलती बंद

दिल्ली जल रही थी और पुलिस सिर्फ मूक दर्शक बनी हुई थी लेकिन जैसे ही अमित शाह ने दंगाईयों पर गोली चलाने का आदेश दिया तो हिंसा रूक गयी थी…

दिल्ली में जब हिंसा हो रही थी उस समय देश के गृहमंत्री अमित शाह कहां थे इस बात का जवाब सभी पार्टी के नेता जानना चाहते हैं. लगातार कांग्रेस और शिवसेना, बीजेपी और गृहमंत्री अमित शाह से यही सवाल पूछ रही है कि जब दिल्ली में हिंसा हो रही थी और दिल्ली जब जल रही थी तो उस समय गृहमंत्री अमित शाह कहां थे?

दिल्ली दंगों की भयावह तस्वीर

दिल्ली के अंदर जिस तरह से दंगे हुए हैं और जिस तरीके से आग लगाई गई है वह किसी नेता की बयानबाजी से बिल्कुल भी नहीं हुआ है बल्कि ऐसा अगर हुआ है तो यह सोची-समझी एक चाल थी जो पहले से ही प्लानिंग कर ली गई थी. सच यही है कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में रहने वाले थे तब यह हिंसा होने वाली थी. हिंसा को लेकर निश्चित रूप से इसके तार देश के बाहर जुड़ते हुए नजर आने वाले हैं. ऐसा हमेशा से होता आया है कि जब भी भारत के अंदर अमेरिका का कोई राष्ट्रपति आया है तो उस समय देश में कहीं ना कहीं मुस्लिमों के द्वारा हिंसात्मक कार्यवाही की गई है. इससे पहले कश्मीर में पत्थरबाजी हुआ करती थी और इस बार दिल्ली के अंदर जो आगजनी और दंगे हुए हैं यह बात इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस पूरे कांड के पीछे देश के बाहर असामाजिक तत्वों के हाथ जरूर हैं.

दिल्ली दंगों के समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को अमित शाह ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में भेज दिया था

अब सवाल उठता है कि जब दंगे हो रहे थे तो देश के गृहमंत्री अमित शाह कहाँ थे? तो आपको बता दें कि जब दंगे हो रहे थे तो उस समय अमित शाह को हर गतिविधियों की पूरी जानकारी थी. अमित शाह को आईबी से सारी खबरें मिल रही थी कि दिल्ली में तबाही के लिए किस तरीके की तैयारियां चल रही हैं. खुफिया विभाग ने गृह मंत्रालय को सूचित कर दिया था और गृहमंत्री पूरी तरीके से अटैकिंग मोड पर आ गए थे. दिल्ली में उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूद थे इसलिए अधिकतर पुलिस डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में लगी हुई थी और यह सही समय था जब दिल्ली के ऊपर हमला किया जा सकता था.सोची-समझी साजिश के तहत यह हमला किया गया था और अमित शाह को यह खबर मिल चुकी थी. यही कारण है कि जब अमित शाह को यह खबर मिली कि रात को असामाजिक तत्व उपद्रवी हैवानियत का गंदा नाच शुरू करने वाले हैं तो तुरंत ही अमित शाह ने पुलिस को गोली चलाने के आदेश दे दिए थे. जैसे ही पुलिस को गोली चलाने की आदेश मिले तो उसके तुरंत बाद ही हिंसा खत्म होती हुई नजर आई है.

अमित शाह की जगह अगर शायद कोई और दूसरा गृहमंत्री होता तो यह आदेश देने में वह 100 बार जरूर सोचता लेकिन अमित शाह ने दिल्ली में शांति स्थापना के लिए तुरंत ही पुलिस को पूरे अधिकार दे दिए थे और यही कारण है कि दिल्ली पूरी तरीके से जलने से बचती हुई नजर आई.

दिल्ली का वो इलाका जहाँ से दंगों के बाद अब हिन्दू घर बेचकर पलायन करना शुरू कर चुके हैं

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भारत · राजनीति