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PM मोदी सिलिकॉन वेली के दौरे से क्या ला पाएंगे?

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इमारत खडी करने के लिए एक मजबूत नीव की ज़रूरत होती हैं, तभी एक खुबसूरत इमारत अस्तित्व में आ पाती हैं..

और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये जा रहे ढेरों विदेशी दौरे इस बात की पुष्टि करते हैं.

भारत की स्थिति को समझकर PM मोदी का इस ओर काम करना सराहनीय हैं क्योकि जब तक भारत में बाहर से निवेश नहीं आएगा मुद्रा भंडार में वृद्धि नहीं होने वाली और किसी भी तरह के विकास के लिए अर्थ का होना आवश्यक हैं.

यकीनन इतना व्यस्त दौरा किसी को थका सकता हैं, लेकिन PM मोदी और उनकी टीम के लिए अमेरिका का एक और दौरा आर्थिक द्रष्टिकोण इतना महत्वपूर्ण हैं कि भारत के साथ साथ पूरी दुनिया की नज़र इस दौरे पर टिकी हुई हैं.

भारत के प्रधानमंत्री यह बात अच्छे से जानते हैं कि उनका सिलिकॉन वेली का यह दौरा इस देश के लिए कितना ज़रूरी हैं इसलिए उनकी टीम ने इस बात का ध्यान रखा हैं कि अमेरिका में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, फेसबुक के मार्क जुगर्बर्ग, एप्पल के टिम कुक और माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नाडेल जैसी 42 मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ के साथ मीटिंग्स होनी तय हैं, जिसमे उन कम्पनीज़ द्वारा किया जाना वाला निवेश भारत में लाना मुख्य एजेंडा होगा.

28 तारीख को 20,000 लोगों से SAP Center में मिलने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सिलिकॉन वेली में होने वाला यह पूरा दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योकि पूरी दुनिया में तकनीक की नीव इसी वैली में रखी जाती हैं और अभी तक के इतिहास में यह पहली बार हैं कि जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री से मिलने के लिए सिलिकॉन वैली भी बहुत उत्सुक हैं.

PM मोदी के इस दौरे से ही यह संभव हो पाया हैं भारत में टेक महिंद्रा और गूगल के 400 से भी अधिक सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक साथ मिलकर हैक्थान में सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट्स के लिए आईडिया शेयरिंग का आयोजन कर रहे हैं. इस आयोजन के बाद जब मोदी गूगल के मुख्यालय पहुचेंगे तब इस आयोजन का रिजल्ट भी बाकि लोगो के साथ शेयर करने वाले हैं. गूगल के अलावा नरेंद्र मोदी फेसबुक के फाउंडर मार्क जुगर्बर्ग के फेसबुक के मुख्यालय टाउनहॉल में भी फेसबुक के ही ज़रिएं आयोजित होने वाली प्रश्नोतरी में शामिल होकर लोगो द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देंगे.

गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसी कम्पनीज के अलावा PM मोदी नए उद्यमी के साथ भी मिलने वाले हैं और व्यवसाय के क्षेत्र स्टार्टउप के कांसेप्ट को और अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमेरिका में स्नेपडील, पेटीऍम और जोमटो जैसे नए वेंचर के साथ मिलकर निवेश की दिशा में काम करने की बात करेंगे.

दरअसल मोदी का यह सिलिकॉन वेली का दौरा इसलिए किया जा रहा हैं क्योकि अभी कुछ दिन पहले भारत और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया डिज़िटल इंडिया, स्किल्ड इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे प्रोजेक्ट को मजबूत बनाना हैं और इस  मजबूत बनाने के लिए आर्थिक निवेश बहुत ज़रूरी हैं. इस सभी प्रोजेक्ट्स को अमली जामा पहनाने के लिए इन सभी कंपनी का भारत में आकर व्यवसाय में हिस्सेदारी करना अति आवश्यक हैं.

PM मोदी द्वारा आर्थिक सुधार के उद्देश्य किया गया अमेरिका के इस दौरें की एक वजह यह भी हैं कि मोदी चाहते हैं कि भारत की छवि दुनिया में एक ऐसे देश की बने जहाँ लोग आकर काम करना चाहते हैं. इस विषय में आयोजन में आये सीईओज़ ने अपने विचार देते हुए अपनी बात रखी और कहा कि भारत जैसे देश को अगर विकसित होना हैं तो विकास की अपनी रफ़्तार बढ़ानी होगी और यह तभी संभव होगा जब आप अपनी कुछ नीतियों में कई ज़रूरी बदलाव करेंगे और इस बदलाव को निरंतर बनाये रखेंगे. सीईओज़ द्वारा कही गयी इस बात पर मोदी ने जवाब दिया कि गवर्नेंस में सुधार मेरी पहले प्रथमिकता हैं, मैं जानता हूँ कि दुनिया हमारा इंतज़ार नहीं करेगी हमें उनसे कदम मिलाना होगा.

यह नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का ही नतीजा हैं कि इतनी सारी कंपनी भारत में ग्लोबल इकॉनमी के अंतर्गत सिर्फ एक बुलावे में एक जगह इक्कठा होकर निवेश करने के विषय में विचार करना के लिए तैयार हैं लेकिन अब देखना यह हैं कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यह दूर दृष्टि सिलिकॉन वैली से अपने देश के लिए क्या ला पाती हैं.

Image: Indian Express

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