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मोदी सरकार के राज में वीआयपी क्रिमिनल्स के आए “अच्छे दिन”!

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कौन कहता है की अच्छे दिन नहीं आये? अच्छे दिन तो आये मगर सिर्फ अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए.

यह अच्छे दिन आये है सरकार के कारन. अच्छे दिन के ख्वाब दिखाने वाली सरकार को अब एक साल पूरा हुवा है. इसी गत वर्ष में वीआयपीयों के अच्छे दिन आ गए है.

कहते है एक बार कोर्ट कि सीढी चढो तो कोई उम्र भर चैन से नहीं रह सकता. वह जीवन भर न्यायालय के चक्कर काटता रह जाता है. पर यह कहावत बेईमानी नज़र आती है जब बात होती है कुछ ख़ास लोगो की.

ऐसे ही कुछ लोग है जिन्हें लोग अभी तक खूब सराहते है.

इन लोगो ने जो जुर्म किया है उसकी तुलना में इन्हें केवल दया मिल रही है. प्रशंसकों के साथ न्याय ब्यवस्था और सरकार भी इन वीआईपी जुर्म कर्मीयों पर कृपा बरसाते हुए नज़र आई है. यह वो अति महत्वपूर्ण व्यक्ति है जिन्हें या तो जेल होने के बाद चंद दिनों में बेल मिली है. और कुछ ऐसे भी वीआयपी है जिनको सजा सुनाने के बाद तुरंत बेल मिली है.

सबसे बड़ी उपलब्धि जयललिता को मिली बेल के कारन सरकार अपनी ख़ुशी झुपा नहीं सकी और दे दी आखिर बधाई.

१. जयललिता जयराम

जयललिता को जेल जाने के बाद 21 दिनों में मिली थी बेल. सुब्रमण्यन स्वामी के शिकायत पर ही जयललिता जेल में चक्की पिस रही थी. अब स्वामी भाजपा में है, जिसकारण वे अपनी भावनाओं को नाही निगल पा रहे है ना तो उगल पा रहे है.

जयललिता को 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी करार दिया गया था. उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई है. चूंकि सजा तीन वर्ष से अधिक की थी, इसलिए फैसला आते ही  27 सितंबर को जयललिता को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था और उन्हें 17 ऑक्टोबर, 2014 को जमानत मिली थी. तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता को भी संपत्ति मामले में अंतरिम जमानत नहीं दी गई थी.

jayalalithaa

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