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पाकिस्तानी सेना से बदला लेने फौजी बने इस गांव के 810 लोग !

पाकिस्तानी सेना से बदला

पाकिस्तानी सेना से बदला – पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों के कश्मीर में सिर काटने की घटना के बाद यूपी के अटूस गांव के लोगों में बदले की भावना और गुस्सा भरा हुआ है.

आज हम आफको बता रहें हैं कि आखिर क्यों इस गांव के लोग डॉक्टर, इंजीनियर नहीं बल्कि सेना में जाना चाहते हैं. आगरा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अटूस गांव. इस गांव की कुल आबादी 6000 की है और यहां के 30 फ़ीसदी युवा, यानी कि 800 से सादा युवा आर्मी में कार्यरत हैं.

जबकि 250 लोग ऐसे हैं जो सेना से रिटायर हो गए हैं. वर्तमान में कश्मीर में यहां के 5 युवा सीमा पर तैनात हैं.

इस गांव के बच्चे-बच्चे में सेना में भर्ती होने की ललक है. आर्मी में भर्ती होना यहां के लोगों का सपना होता है, और इसे काफी इज्जत की नजरों से देखते हैं. बचपन से हीं लोगों को वीरता और युद्ध की कहानियां सुनाई जाती है. दसवीं पास करते ही लोग आर्मी ज्वाइन करने की तैयारी में जुट जाते हैं.

पाकिस्तानी सेना से बदला

हरवीर सिंह जो की सेना से रिटायर हो चुके हैं उन्होंने dainikbhaskar.com को दिए इंटरव्यू में बताया कि साल 2000 में 26 साल की उम्र मे दशरथ सिंह शहीद हुए थे, उन्होंने आर्मी में 7 साल तक नौकरी की थी. पाकिस्तान की सेना ने दशरथ सिंह के शव पर बम लगा कर दिया था. इस वजह से सेना ने उनका अंतिम संस्कार सरहद के पास हीं कर दिया था.

पाकिस्तानी सेना से बदला

इस घटना ने गांव के लोगों में गुस्से को भड़का दिया और पाकिस्तानी सेना से बदला लेने की भावना से आर्मी ज्वाइन करनी शुरु कर दी. और इसके बाद से हीं गांव के युवाओं में आर्मी में भर्ती होने का सिलसिला शुरू हो गया.

पाकिस्तानी सेना से बदला

घर पर देखा जाता है कि फौजी लोग शराब पीने के साथ ही शॉपिंग होते हैं लेकिन इस गांव में शराबबंदी है. यहां शराब पीने वाले की खबर जो देता है उसे इनाम के तौर पर 500 रुपए और जो व्क्ति शराब पीता है उस पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है. इतना हीं नहीं, भरी पंचायत में शराब पीने वाले व्यक्ति को थप्पड़ भी मारा जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि गांव का माहौल खराब ना हो सके.

पाकिस्तानी सेना से बदला

पाक को ऐसा सबक सिखाएंगे की याद रखेगी पीढ़ी

यहां के युवा राजेंद्र ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने की खातिर हीं गांव के 810 लोगों ने आर्मी में ज्वाइन किया है. हम भी आर्मी ज्वाइन करना चाहते हैं. और पाक को ऐसा सबक सिखाना चाहते हैं, कि उनकी पीढी उन्हें याद रखें.

वहीं उमेश का कहना है कि भारतीय सैनिकों के सिर काटने की जो नापाक हरकत पाकिस्तानी सैनिकों ने की है, 17 साल पहले की बात है जब उन्होंने इस गांव के दशहर सिंह का भी सिर काट दिया था, ये शहादत हम युवाओं को आर्मी में जाने का उत्साह देने का काम करती है, जिससे कि हम उनका बदला ले सकें.

इस तरह से पाकिस्तानी सेना से बदला लेंगे – गौरतलब है कि पाकिस्तानियों ने हमेशा से हीं हिंदुस्तान को जख्म देने का काम किया है. न सिर्फ इस गांव के लोग, बल्कि देश भर के लोगों में पाकिस्तान के प्रति जो नफरत और गुस्से की आग है, वही आग देश के उच्च पदाधिकारियों में भी है. सिर्फ आवश्यकता है इस बात की, कि पाकिस्तान को सबक सिखा दिया जाए.