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कहीं मेनका गाँधी को बाबू जगजीवन राम का श्राप तो नहीं लगा?

वरूण गांधी की सेक्स सीडी

इतिहास स्वंय को दुहराता है.

इस बात को आज मेनका गांधी से अधिक कोई नहीं समझ रहा होगा.

बात आज से कोई 38 साल पहले की है. जिस प्रकार आज मेनका गांधी के बेटे वरूण गांधी का राजनीति करियर उफान पर है ठीक इसी प्रकार बाबू जगजीवन राम का राजनीति करियर भी उफान पर हुआ करता था.

देश में कांग्रेस विरोधी लहर में इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थी और बाबू जगजीवन राम भारत के प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार थे.

लेकिन तभी उनके बेटे सुरेश राम की कुछ सेक्स तस्वीरे बाजार में आ गई, जिसके बाद जगजीवन राम का राजनीतिक करियर तबाह हो गया, और वे देश के पहले दलित प्रधानमंत्री बनने से चूक गए.

सुरेश राम की सेक्स तस्वीरों को जिस सूर्या पत्रिका ने छापकर उस वक्त जगजीवन राम के राजनीतिक करियर को तबाह किया था उसका संपादन कोई और नहीं बल्कि वहीं मेनका गांधी कर रही थी, जिनके बेटे वरूण गांधी की सेक्स सीडी बाजार में आई है.

आज बाजार में वरूण गांधी की सेक्स सीडी घूम रही है उसको लेकर आरोप है कि उनको हनी ट्रैप कर इसमें फंसाया गया है.

बहराल, सत्य क्या है यह फिलहाल कोई दावा नहीं कर सकता है. लेकिन इस बात को लेकर चर्चा है खूब हो रही है कि हो न हो मेनका गांधी को जगजीवन राम का श्राप लगा है.

बहराल, जगजीवन राम को जिस हथियार से निशाना बनाकर प्रधानमंत्री बनने से रोका गया आज वहीं हथियार गांधी परिवार के वारिस वरूण गांधी पर चला है.

वैसे मीडिया के जरिए राजनीति में किसी नेता के सियासी उफान को रोकने का यह कोई नया मामला नहीं है. इसके पहले भी कई नेताओं की सेक्स सीडी बनाकर उनका राजनीति करियर तबाह करने की कोशिशें हुई हैं.

इन स्कैंडलों में राजनीतिक लोगों से लेकर मीडिया के लोगों के भी नाम सामने आते रहे हैं. उस वक्त जिन तस्वीरों को मेनका गांधी के सपांदन वाली पत्रिका सूर्या ने छापा था उसे बाकी अखबारों ने छापने से मना कर दिया था.

जगजीवन राम के बेटे के सैक्स स्कैंडल का सूत्रधार पत्रकार खुशवंत सिंह को माना जाता है. खुशवंत सिंह उस वक्त कांग्रेसी अखबार नेशनल हेराल्ड के प्रधान संपादक थे और साथ ही वे मेनका गांधी की पत्रिका सूर्या जिसमें जगजीवन राम के बेटे की महिला के साथ आपत्तिजनक तस्वीर छपी थी, के सलाहकार संपादक भी थे.

कहा जाता है कि उनकी सलाह पर ही इसको मेनका गांधी के सपांदन वाली पत्रिका में छापा गया था. लेकिन यह दावा नहीं किया जा सकता कि उस वक्त पत्रिका में मेनका की कितनी चलती थी और जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम की सेक्स तस्वीरे अपने संपादन में निकलने वाली पत्रिका में छापने में उनकी क्या और कितनी भूमिका थी.

बहराल, अब देखना है कि इस बार वरूण गांधी की सेक्स सीडी का सूत्रधार कौन निकलता है. क्योंकि वरूण गांधी की सेक्स सीडी के बाद न केवल वरूण गांधी की भविष्य में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की दावेदारी पर प्रश्नचिन्ह लग गया है बल्कि उनके राजनीतिक करियर की राह भी मुश्किल हो गई है.

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राजनीति