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जानिए उत्तर प्रदेश चुनावों का पहला चरण भाजपा के लिए कैसे लकी साबित हो सकता है

विधान सभा चुनाव

चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में आगामी विधान सभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है.

उत्तर प्रदेश जिस पर सबकी नजरें लगी हैं. यहां 7 चरणों में चुनाव होगा और पहले दो चरणों की शुरूआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होगी.

अगर इस क्षेत्र में भाजपा अपने विरोधियों पर शुरूआती बढ़त बना लेती है तो वह इस बार उसके राजनीतिक वनवास को समाप्त कर सकता है

इस क्षेत्र चुनाव की शुरूआत का भाजपा को सबसे बड़ा लाभ यह मिल सकता है कि यहां से जो संदेश पूरे प्रदेश में जाएगा उससे पार पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में पहुंचाने में मदद करने वाले उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा भाजपा के लिए बहुत ही भाग्यशाली रहा है. यहां से भाजपा को उम्मीद से कहीं अधिक वोट और सींटे मिली.

प्रदेश में पहले चरण के विधान सभा चुनाव की शुरूआत जिस क्षेत्र से होगी उसमें वह मुजफ्फरनगर और शामली जिला भी आता है जहां वर्ष 2013 में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगा हुआ था.

मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जिस प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक रूप से घ्रुवीकरण हुआ था वह सिलसिला थमा नहीं. वर्तमान में इस क्षेत्र में सांप्रयायिक समस्या के चलते सामाजिक धु्रवीकरण के साथ राजनीतिक ध्रुवीकरण भी देखा जा सकता है.

राजनीति जानकारों का कहना है कि पूर्व में जो विधान सभा चुनाव हुए हैं वे प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र से शुरू हुए थे. उसमें देखा गया है कि इस क्षेत्र में भाजपा कमजोर थी जिस कारण वह वहां पर शुरूआत में पिछड़ गई.

चौथे और पांचवे चरण तक आते आते भाजपा के पिछड़ने की इस खबर ने उन मतदाताओं पर खासा प्रभाव डाला जिसे चुनावी भाषा में फ्लोंटिंग वोट कहा जाता है.

यह मतदाता अक्सर जीतने वाले दल के साथ जाना पंसद करता है.

इस बार राजनीतिक जानकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से चुनाव चरण की शुरूआत को लेकर भाजपा के लिए जो संभावना जता रहे हैं उसके पीछे भी यही कारण है. क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश जिसमें पहले दो चरणों में विधान सभा चुनाव होना है वहां बसपा और सपा को कोई ठोस आधार नहीं हैं.

इन दलों की उम्मीद इस क्षेत्र में केवल मुस्लिम मतदाताओं पर टिकी होती है. लेकिन इस बार जिस प्रकार सपा में आतंरिक कलह मचा हुआ है और बसपा अभी तक निष्क्रिय बनी हुई हैं उसको देखते हुए भाजपा के लिए इस बार संभावनाएं काफी हैं.

गौरतलब है कि नेताओं से लेकर मीडिया और जनता की रूचि सबसे अधिक अगर किसी राज्य पर है तो वह है उत्तर प्रदेश. इस प्रदेश पर पूरे देश की नजरें लगी हैं. देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ उत्तर प्रदेश पर इस कारण से भी फोकस है क्योंकि यहां की वाराणसी लोक सभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद है.

नोटबंदी के बाद तो ये ओर अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश का चुनाव वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होगा. इस लिहाज से यह चुनाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है.