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जानिए आखिर यूपी में ही क्यों पटरी से ऊतर रही हैं रेल गाड़ियाँ !

यूपी में रेल हादसे

रामपुर में राज्य रानी ट्रेन हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्या वजह है कि उत्तर प्रदेश में एक बाद एक ट्रेन पटरियों से ऊतर रही हैं.

आपको बता दें कि यहां पिछले तीन माह में कई बार ट्रेन पटरियों से ऊतर चुकी है. जिस प्रकार एक ही राज्य में लगातार यानि यूपी में रेल हादसे हो रहे हैं वो कहीं न कहीं किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है.

आपको बता दें कि पिछले दिनों नवंबर में कानपुर में रेल हादसे में 150 लोगों की मौत हो गई थी. यही नहीं उसके बाद कानुपर के आस पास एक माह के अंदर चार रेल हादसे हुए.

ताज्जुब की बात है कि सभी हादसों में दुर्घटना ट्रैक काटे जाने के कारण हुई थी. इसी प्रकार कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के संभल में चन्दौसी में रेल की पटरी के काटने का मामला सामने आया है.

ये मामला अलीगढ़-चन्दौसी रेल लाइन का है. रेल ट्रैक को कम से कम दो सूत तक काटा गया है. मौके से पुलिस ने लोहा काटने के औजार बरामद किये है जिससे पता चलता है कि इसके पीछे कोई न कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है.

गौरतलब हो कि भारत में पिछले दिनों हुए यूपी में रेल हादसे के लिए साजिश रचने के आरोप में एक शख्स शमसुल होदा को काठमांडू में गिरफ्तार किया गया था.

दरअसल, बिहार पुलिस ने जनवरी में तीन लोगों को गिरफ्तार कर किया था जिनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे भारतीय रेलवे को निशाना बनाने के लिए – यूपी में रेल हादसे कराने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे थे.

बहराल, होदा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर दुबई में बैठकर भारतीय ट्रेनों को निशाना बनाने की साजिश रचने का आरोप है.

जो इस बात का सबूत है कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य को निशाना बनाकर जिस प्रकार रेलों को निशाना बनाया जा रहा है उसके पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर है, जो एक निश्चित समय के बाद जगह बदल बदल कर साजिश को अंजाम देते हुए यूपी में रेल हादसे करा रहे है.

वहीं इसमें जिस प्रकार पाकिस्तान खुफिया एजेंसी का नाम सामने आया है उसकों देखते हुए इस बात का साफ संकेत है कि पाक ने भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए बम विस्फोट के स्थान पर एक नई रणनीति बनाई है.

जिसमें न तो बारूद्ध की जरूरत है और न ही घटना को अंजाम देने के लिए किसी खास ट्रेनिंग. इसके यूरोप के आईएस द्वारा बुल्फ अटैक के रूप में भी देखा जा सकता है.

क्योंकि इन वारदातों को अंजाम देने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं पड़ती है. एक या दो मिलकर इस पूरी वारदात को अंजाम दे देते हैं.

वहीं अग जिस प्रकार रामपुर के पास जिस प्रकार राज्यरानी ट्रेन के ट्रैक को काटकर हादसे को अंजाम दिया गया है उससे भी संदेह को बल मिलता है. हो न हो इसके पीछे भी कोई न कोई देश विरोधी ताकत है.