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इस बेरोज़गार के नौकरी मांगने के तरीके से गूगल, नेटफ्लिक्‍स भी हो गए इंप्रेस

बेरोज़गारी

ऐसा नहीं है कि बेरोज़गारी सिर्फ भारत में ही फैली हुई है, विदेशों में भी लोग इससे परेशान हैं। अभी हाल ही में एक शख्‍स ने बेरोजगारी से परेशान होकर एक ऐसा तरीका अपनाया कि उसे 1 या 2 नहीं बल्कि 200 कंपनियों से जॉब का ऑफर आ गया।

जी हां, ये मामला है कैलिफोर्निया का जहां डेविड कैसारेज नामक आदमी अपनी नौकरी जाने से परेशान था। किसी भी कंपनी में उसका रेज्‍यूमे सिलेक्‍ट नहीं हो पा रहा था और इस सबके बाद डेविड ने एक ऐसी तरकीब निकाली की वो हीरो बन गया।

हर जगह उसके इस तरीके की तारीफ होने लगी है और उसे ना केवल नौकरी के ऑफर आए बल्कि वह सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।

कैलिफोर्निया में रहने वाले डेविड टेक्‍सास की यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और साल 2014 से 2017 तक वो जनरल मोटर्स में काम कर रहे थे। किसी वजह से उन्‍हें नौकरी से निकाल दिया और जिसके बाद वो बेरोज़गार हो गए। किसी भी कंपनी में उन्‍हें नौकरी नहीं मिल पा रही थी।

इस बात से तंग आकर डेविड ने नौकरी पाने का एक दम नया और अनोखा तरीका ढूंढ निकाला।

पहले तो डेविड ने हर कंपनी में ट्राई किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने रेज्‍यूमे भेजने की जगह सड़क पर ही लोगों को अपना रेज्‍यूमे बांटना शुरु कर दिया। लोग उसे भिखारी ना समझें इसलिए उसने एक पोस्‍टर भी अपने साथ ले रखा था जिस पर लिखा था ‘बेघर लेकिन सफलता का भूखा, रेज्‍यूमे ले लीजिए’।

डेविड का कहना है कि नौकरी जाने के कुछ दिनों के बाद ही उसके सारे पैसे खत्‍म हो गए थे और नौकरी की तलाश करते-करते वो थक गया था लेकिन कहीं भी उसे नौकरी नहीं मिल पा रही थी। वो घर वापिस नहीं जाना चाहता था इसलिए उसने सड़क पर बैठकर ही नौकरी खोजने का फैसला किया।

जैसमीन स्‍कॉफील्‍ड नाम की एक महिला ने सड़क पर नौकरी मांगते हुए डेविड की तस्‍वीर उसयके रेज्‍यूमे के साथ ट्विटर पर शेयर कर दी। इसके बाद सोशल मीडिया ने तो जैसे डेविड की किस्‍मत ही चमका दी। देखते देखते ये पोस्‍ट गेट डेविड अ जॉब के हैशटैग के साथ वायरल हो गई और डेविड को गूगल, नेटफ्लिक्‍स, लिंकडइन समेत 200 बड़ी कंपनियों से जॉब के ऑफर आ गए।

हांलाकि, डेविड को नौकरी किस कंपनी में मिली इस बात का खुलासा अब तक नहीं हो पाया है।

इस अनोखे तरीके से नौकरी पाने की खबर पहली बार सुनी है। वैसे भारत में भी बेरोज़गारों की कमी नहीं है, तो क्‍या हम भारतीयों को भी सड़क पर कटोरा लेकर भीख मांगने की बजाय हाथ में रेज्‍यूमे लेकर नौकरी मांगनी शुरु कर देनी चाहिए।

वैसे आइडिया बुरा नहीं है। भारत की सड़कों पर एक बड़ी आबादी का हिस्‍स भीख मांगते हुए नज़र आता है। अगर ये लोग भीख मांगने की बजाय नौकरी मांगना शुरु कर दें तो ज़रा सोचिए कितना अच्‍छा होगा। इससे देश की गरीबी और बेरोज़गारी दोनों ही दूर हो पाएंगें। वैसे बेरोज़गारी को लेकर इंडिया की कुछ और प्रॉब्‍लम है। यहां पर नौकरी तो कम हैं ही जितनी भी हैं उन पर काबिल लोगों की भी कमी है।