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दो वृक्ष हैं पिछले जन्म के प्रेमी-प्रेमिका!

दोनों पेड़ पिछले जन्म के प्रेमी और प्रेमिका
मेलाघाट खातिमा में हर साल जोर – शोर से ढोल – नगाड़े के साथ नाचते – गाते लोग.
और बड़े पैमाने पर समारोह ऐसे मनाया जाता है, मानो यहां किसी मनुष्य की शादी रचाई जा रही हो.
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इन ढोल – बाजों और नगाड़ों के बीच किसी मनुष्य की नहीं, बल्कि पेड़ों की शादी रचाई जाती है.
बताया जाता है कि कई साल पहले एक बरगद के पेड़ की शाखा पीपल के पेड़ से जाकर लिपट गई थी.  गांव वालों ने इस घटना को अंधविश्वास का वो रुप दे दिया, जिसे हर साल खुशी के तौर पर मनाया जाता है. दोनों पेड़ों के इस तरह मिलने से गांव वाले ये समझ बैठे कि ये दोनों पेड़ पिछले जन्म के प्रेमी और प्रेमिका हैं. बस क्या था, लोगों ने तभी इन दोनों पेड़ का धूम-धाम के साथ विवाह कराया.
दोनों पेड़ पिछले जन्म के प्रेमी और प्रेमिका
दोनों पेड़ पिछले जन्म के प्रेमी और प्रेमिका
हर साल रचाई जाती है शादी
एक बार शादी कराने के बाद गांव वाले हर साल दोनों वृक्ष की शादी रचाते हैं. गांव में ये परंपरा बन गई है, क्योंकि यहां के स्थानीय लोगों का विश्वास है कि इन दोनों पेड़ों की शादी करवाने से उन्हें पुण्य मिलता है. ये दोनों पेड़ पूरे गांव की रक्षा करते हैं और गांव को आपदाओं से बचाए रखते हैं. क्योंकि यहां के लोग इन दोनों पेड़ों को गांव की सुख – समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं.
दोनों पेड़ पिछले जन्म के प्रेमी और प्रेमिका
इसलिए हर कोई वृक्ष के विवाह समारोह में बढ़ – चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
इस विवाह को पूरी रीती – रिवाज और वैदिक कर्मकांडों के अनुसार करवाया जाता है. विवाह में पीपल के पेड़ को दूल्हा और बरगद के पेड़ को दुल्हन बनाया जाता है. विवाह के लिए दोनों पेड़ों को सफेद वस्त्रों से लपेट कर बेहद हीं खूबसूरत ढंग से सजाया जाता है.
दोनों पेड़ पिछले जन्म के प्रेमी और प्रेमिका के विवाह में गांव वालों के अलावा  दूर दूर के लोग भी हिस्सा लेने पहुंचते हैं. सालों पुरानी इस परंपरा को आज भी गांव में बहुत हीं खुशी के साथ धूम-धाम से मनाया जाता है.